Happy Makar Sankranti 2019: देश में मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी की भी परंपरा रही है। कई सालों से इस दिन लोग खुले आकाश में रंग-बिरंगे पतगं उड़ाते रहे हैं। बच्चे, बूढ़ा और युवा कई सालों से पतंगबाजी का आनंद लेते रहे हैं। दरअसल इस दिन होने वाली पतंगबाजी भी बेहद खास है। दरअसल मान्यता है कि पतंग खुशी, उल्लास, आजादी और शुभ संदेश की वाहक है, संक्रांति के दिन से घर में सारे शुभ काम शुरू हो जाते हैं और शुभ काम पतंग की तरह ही सुंदर, निर्मल और उच्चि कोटि के हों इसलिए पतंग उड़ाई जाती है।

काम की शुभता के लिए तो कुछ लोग तिरंगे को भी पतंग के रुप में इस दिन उड़ाते हैं। यह भी कहा जाता है कि पतंगबाजी से नयी सोच और ऊर्जा का संचार हमारे शरीर में होता है। पतंग उड़ाने से दिल खुश और दिमाग संतुलित रहता है, उसे ऊंचाई तक उड़ाना और कटने से बचाने के लिए हर पल सोचना इंसान को नयी सोच और शक्ति देता है। कई लोगों का यह भी कहना है कि सर्दी के मौसम में सूरज की रोशनी भी शरीर के लिए जरुरी है और धूप में पतंग उड़ाने से सूरज की गर्मी भी हमारे शरीर को मिलती है।

हालांकि इन सभी मान्यताओं के अलावा ग्रीक इतिहासकारों की मानें तो पतंगबाजी 2500 वर्ष पुरानी है, जबकि अधिकतर लोगों का मानना है कि पतंगबाजी के खेल की शुरुआत चीन में हुई। चीन में पतंगबाजी का इतिहास 2 हजार साल से भी ज्यादा पुराना माना गया है। वैसे एक हजार साल पहले पतंगों का जिक्र संत नाम्बे के गीतों में दर्ज है। मुगल बादशाहों के शासन काल में तो पतंगों की शान ही निराली थी। खुद बादशाह और शहजादे भी इस खेल को बड़ी ही रुचि से खेला करते थे। उस समय तो पतंगों के पेंच लड़ाने की प्रतियोगिताएं भी होती थीं।

बहरहाल आपको बता दें कि इस साल संक्रांति स्नान का पुण्य काल दिनांक 14 जनवरी 2019 की अर्द्धरात्रि 2 बजकर 20 मिनट से दिनांक 15 जनवरी 2019 को प्रात: काल से लेकर सायंकाल 6 बजकर 20 मिनट तक माना जायेगा।