Hanuman Jayanti 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Puja Samagri, Mantra, Hanuman Ji Ki Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आज देशभर में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर ही भगवान शिव के अंशावतार के रूप में माता अंजनी और पिता केसरी के घर में जन्म लिया था। जिस दिन भगवान बजरंगबली का जन्म हुआ था। उस दिन मंगलवार होने के साथ-साथ चित्रा नक्षत्र और वज्र योग होगा। ऐसे ही इस साल भी त्रेता युग जैसे ही शुभ योग बन रहे हैं। आज मंगलवार होने के साथ-साथ कई शुभ योगों में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।  जहां वज्र योग आज दिनभर से लेकर 24 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 57 मिनट तक है। इसके साथ ही चित्रा नक्षत्र भी सुबह से लेकर रात 10 बजकर 32 मिनट तक है। बता दें कि कुछ लोग हनुमान जी का अवतरण दिवस छोटी दीपावली के दिन यानी कार्तिक मास को मानते हैं। इसलिए इस दिन भी हनुमान जयंती का पर्व मनाते हैं। आइए जानते हैं हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भोग, सामग्री, आरती सहित अन्य जानकारी…

Live Updates
07:44 (IST) 23 Apr 2024
Happy Hanuman Jayanti Quotes

दुख और कष्टों का नाश होता है,

जिसके हृदय में हनुमंत का वास होता है,

प्यार से भजे जो कोई उसका नाम,

सब संकट का विनाश होता है।

हनुमान जयंती की शुभकामनाएं

07:37 (IST) 23 Apr 2024
हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti 2024 Puja Vidhi)

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। अगर आप व्रत रखना चाहते हैं, तो पवनपुत्र का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प ले लें। इसके बाद पूजा आरंभ करें। सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर भगवान हनुमान की मूर्ति या फिर तस्वीर रखें। इसके बाद जल से आचमन करें। फिर अनामिका अंगुली से उन्हें सिंदूर लगाएं। फिर चमेली का तेल, गुलाब या फिर अन्य लाल फूल चढ़ाने के साथ केसर युक्त चंदन, माला, चोला, जनेऊ, लाल लंगोट आदि चढ़ा दें। फिर एक रूई में इत्र लगाकर चढ़ा दें। इसके बाद भोग में बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, गुड़-भीगे चने की दाल या अपनी श्रद्धा के अनुसार भोग लगाने के साथ तुलसी दल चढ़ाएं। इसके साथ ही पान का बीड़ा चढ़ाएं। फिर जल चढ़ाने के बाद शुद्ध घी या चमेली के तेल का दीपक, अगरबत्ती, धूप जलाकर मूर्ति के सामने 3 बार घुमाकर आरती करें। इसके बाद हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa), बजरंग बाण(Bajrang Baan) , हनुमान मंत्र (Hanuman Mantra) आदि का पाठ कर लें और अंत में हनुमान आरती कर लें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

07:25 (IST) 23 Apr 2024
Happy Hanuman Jayanti Wishes in Hindi

जिनको श्रीराम का वरदान है,

गदा धारी जिनकी शान है,

बजरंगी जिनकी पहचान है,

संकट मोचन वो हनुमान है।

हैप्पी हनुमान जयंती 2024

07:14 (IST) 23 Apr 2024
Hanuman Jayanti Mantra

हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान जी की पूजा आरंभ करने से पहले इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। सबसे पहले प्रभु श्रीराम के मंत्र ‘ऊं राम रामाय नम:’ का जाप करें। इसके बाद हनुमान जी के मंत्र ‘ऊं हं हनुमते नम:’ का जाप करें।

07:08 (IST) 23 Apr 2024
हनुमान जयंती शुभ योग (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Yog)

चित्रा नक्षत्र- चित्रा नक्षत्र 22 अप्रैल यानी कल रात 8 बजे शुरू हो चुका है और समापन 23 अप्रैल यानी आज रात 10 बजकर 32 मिनट पर होगा

वज्र योग- वज्र योग 23 अप्रैल आज सुबह 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा और समापन 24 अप्रैल यानी कल सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर होगा

07:01 (IST) 23 Apr 2024
Hanuman Jayanti 2023 Puja Mantra: हनुमान जी के मंत्र

ॐ तेजसे नम:

ॐ प्रसन्नात्मने नम:

ॐ शूराय नम:

ॐ शान्ताय नम:

ॐ मारुतात्मजाय नम:

06:46 (IST) 23 Apr 2024
हनुमान जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Muhurat)

पहला शुभ मुहूर्त: 23 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक

दूसरा शुभ मुहूर्त: 23 अप्रैल को रात 08 बजकर 14 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 35 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त- 23 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक।

19:59 (IST) 22 Apr 2024
हनुमान जयंती पर करें इन चौपाईयों का पाठ

हनुमान जयंती पर इन चौपाईयों का पाठ करने से सुख-समृद्धि आती है और हर तरह के कष्टों से निजात मिल जाती है।

1- नासै रोग हरै सब पीरा।

जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।।

2- अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।

अस बर दीन जानकी माता।।

3-विद्यावान गुनी अति चातुर।

रामकाज करीबे को आतुर।।

4- भीम रूप धरि असुर संहारे।

रामचंद्रजी के काज संवारे।।

19:42 (IST) 22 Apr 2024
हनुमान जयंती 2024 दान (Hanuman Jayanti 2024 Daan)

हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर बजरंगबली की विधित पूजा करने के साथ-साथ इन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन हल्दी, अनाज, लड्डू, सिंदूर आदि का दान अवश्य देना चाहिए। इससे बजरंगबली अति प्रसन्न होते हैं।

19:28 (IST) 22 Apr 2024
हनुमान जी को क्यों कहते हैं जागृत देवता?

शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी को कलयुग के देवता कहा जाता है। तुलसीदास ने कलियुग में हनुमान जी के मौजूदगी का उल्लेख किया था। स्वयं भगवान राम ने हनुमान जी को ये वरदान दिया था। जब अयोध्या वापस श्री राम के साथ बजरंगबली आए थे, तो उन्होंने कहा- ‘यावद् रामकथा वीर चरिष्यति महीतले। तावच्छरीरे वत्स्युन्तु प्राणामम न संशय:।। यानी हे श्रीराम! इस पृथ्वी पर जब तक रामकथा प्रचलित रहे, तब तक मेरे प्राण इस शरीर में बसे रहे।

इस बात पर प्रभु श्री राम ने उन्हें आशीर्वाद दिया था ति‘एवमेतत् कपिश्रेष्ठ भविता नात्र संशय:। चरिष्यति कथा यावदेषा लोके च मामिका तावत् ते भविता कीर्ति: शरीरे प्यवस्तथा। लोकाहि यावत्स्थास्यन्ति तावत् स्थास्यन्ति में कथा।। यानी ‘हे कपि श्रेष्ठ, ऐसा ही होगा इसमें संदेह नहीं है। इस संसार में जब तक मेरी कथा प्रचलित रहेगी, तब तक आपकी कीर्ति अमिट रहेगी और आपके शरीर में प्राण भी रहेंगे। जब तक ये लोक बने रहेंगे, तब तक मेरी कथाएं भी स्थिर रहेंगी।

19:07 (IST) 22 Apr 2024
शनि जयंती पर करें शनि साढ़े साती का ये उपाय

हनुमान जयंती के दिन मारुति की विधिवत पूजा करने से शनि का दोष भी समाप्त होता है। अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैय्या या फिर शनि दोष है, तो इस दिन सरसों के दीपक में थोड़े से काले तिल डालकर आरती करें। इससे शनि की छाया से भी मुक्ति मिल जाएगी।

18:45 (IST) 22 Apr 2024
हनुमान जी को अर्पित करें ये चीजें

हनुमान जी का वस्त्र में लाल रंग की लंगोटी अवश्य चढ़ाएं। इसके अलावा खड़ाऊ, जनेऊ भी अर्पित करें। ऐसा करने से हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं और रोग-दोष पीड़ा से छुटकारा दिलाते हैं। इसके साथ ही रुके काम पूरे होने के साथ शनि दो। से मुक्ति मिल जाती है।

18:35 (IST) 22 Apr 2024
हनुमान जयंती पर करें इन चीजों का दान

हनुमान जयंती के दिन जरुरतमंदों और गरीबों को लाल रंग के कपड़े, लाल फल जैसे सेब, गुड़, दीप दान और तुलसी का दान करें। ऐसा करने से हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। साथ ही आरोग्य की प्राप्ति होती है…

18:20 (IST) 22 Apr 2024
Hanuman Jayanti 2024 Puja Mantra: हनुमान जी के 5 प्रभावशाली मंत्र

  • ॐ तेजसे नम:
  • ॐ प्रसन्नात्मने नम:
  • ॐ शूराय नम:
  • ॐ शान्ताय नम:
  • ॐ मारुतात्मजाय नम:
  • 18:07 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जंयती पर करें बजरंगबली के 12 नामों का जाप

    आनंद रामायण में इनके विशेष बारह नाम बताए गए हैं- हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुनसखा, पिंगाक्ष, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीतोशोकविनाशन, लक्ष्मणप्राणदाता, दशग्रीवदर्पहा।

    17:53 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती 2024 उपाय

    हनुमान जयंती पर भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपना सकते हैं। इस दिन हनुमान मंदिर जाकर उन्हें बूंदी के लड्डू या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके अलावा हनुमान जी को गुलाब की माला चढ़ाएं। ऐसा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

    17:32 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जी को ऐसे चढ़ाएं चोला

    हनुमान जयंती, मंगलवार या फिर शनिवार के दिन चोला चढ़ाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति पर गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर चरण में लगाएं। इसके बाद पूरे शरीर लगाएं। सिंदूर लगाने को ही चोला कहा जाता है। इसके बाद लंगोट, जनेऊ आदि चढ़ाने के साथ 11 या फिर 21 पीपल के पत्तों में सिंदूर से श्री राम लिखकर माला बनाकर अर्पित करें।

    17:16 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जन्मोत्सव पर न करें ये काम

    हनुमान जन्मोत्सव जयंती के दिन भगवान हनुमान की पूजा करने के साथ कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही पंचामृत का भोग भगवान को नहीं लगाना चाहिए। तामसिक भोजन से भी दूरी बनाकर रखना चाहिए। इसके साथ ही बंदरों को परेशान न करें, क्योंकि इन्हें हनुमान जी का सेवक कहा जाता है। ब्रह्मचर्य का पालन करें और किसी से वाद-विवाद करने से बचें।

    16:29 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)

    दोहा॥

    श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।

    बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

    बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।

    बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥

    ॥ चौपाई ॥

    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

    राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

    महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥

    कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥४

    हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेउ साजै ॥

    शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

    बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥

    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥८

    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥

    भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥

    लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥

    रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२

    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥

    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥

    जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥

    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६

    संपूर्ण हनुमान चालीसा

    16:00 (IST) 22 Apr 2024
    क्यों मनाते हैं हनुमान जयंती?

    शास्त्रों के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि और मंगलवार के दिन केसरीनंदन और माता अंजनी के घर पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन को हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। कई लोगों का मानना है कि छोटी दीपावली के दिन हमुमान जी का जन्म हुआ था। इसी के कारण उस दिन भी इनका जन्मोत्सव मनाते हैं।

    15:47 (IST) 22 Apr 2024
    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन – भजन (Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan)

    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

    सुन लो मेरी पुकार ।

    पवनसुत विनती बारम्बार ॥

    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

    सुन लो मेरी पुकार ।

    पवनसुत विनती बारम्बार ॥

    अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता,

    दुखिओं के तुम भाग्यविधाता ।

    सियाराम के काज सवारे,

    मेरा करो उद्धार ॥

    पवनसुत विनती बारम्बार ।

    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

    सुन लो मेरी पुकार ।

    पवनसुत विनती बारम्बार ॥

    अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,

    तुम पर रीझे अवधबिहारी ।

    भक्तिभाव से ध्याऊं तोहे,

    कर दुखों से पार ॥

    पवनसुत विनती बारम्बार ।

    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

    सुन लो मेरी पुकार ।

    पवनसुत विनती बारम्बार ॥

    जपूँ निरंतर नाम तिहरा,

    अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।

    रामभक्त मोहे शरण मे लीजे,

    भाव सागर से तार ॥

    पवनसुत विनती बारम्बार ।

    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

    सुन लो मेरी पुकार ।

    पवनसुत विनती बारम्बार ॥

    हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

    सुन लो मेरी पुकार ।

    पवनसुत विनती बारम्बार ॥

    15:27 (IST) 22 Apr 2024
    श्री बजरंग बाण पाठ (Bajrang Baan)

    ॥ दोहा ॥

    निश्चय प्रेम प्रतीति ते,

    बिनय करैं सनमान ।

    तेहि के कारज सकल शुभ,

    सिद्ध करैं हनुमान॥

    ॥ चौपाई ॥

    जय हनुमंत संत हितकारी ।

    सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥

    जन के काज बिलंब न कीजै ।

    आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥

    जैसे कूदि सिंधु महिपारा ।

    सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ॥

    आगे जाय लंकिनी रोका ।

    मारेहु लात गई सुरलोका ॥

    जाय बिभीषन को सुख दीन्हा ।

    सीता निरखि परमपद लीन्हा ॥

    बाग उजारि सिंधु महँ बोरा ।

    अति आतुर जमकातर तोरा ॥

    अक्षय कुमार मारि संहारा ।

    लूम लपेटि लंक को जारा ॥

    लाह समान लंक जरि गई ।

    जय जय धुनि सुरपुर नभ भई ॥

    अब बिलंब केहि कारन स्वामी ।

    कृपा करहु उर अंतरयामी ॥

    जय जय लखन प्रान के दाता ।

    आतुर ह्वै दुख करहु निपाता ॥

    जै हनुमान जयति बल-सागर ।

    सुर-समूह-समरथ भट-नागर ॥

    ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले ।

    बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥

    ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीशा ।

    ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीशा ॥

    जय अंजनि कुमार बलवंता ।

    शंकरसुवन बीर हनुमंता ॥

    बदन कराल काल-कुल-घालक ।

    राम सहाय सदा प्रतिपालक ॥

    भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर ।

    अगिन बेताल काल मारी मर ॥

    इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की ।

    राखु नाथ मरजाद नाम की ॥

    सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै ।

    राम दूत धरु मारु धाइ कै ॥

    जय जय जय हनुमंत अगाधा ।

    दुख पावत जन केहि अपराधा ॥

    पूजा जप तप नेम अचारा ।

    नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥

    बन उपबन मग गिरि गृह माहीं ।

    तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं ॥

    जनकसुता हरि दास कहावौ ।

    ताकी सपथ बिलंब न लावौ ॥

    जै जै जै धुनि होत अकासा ।

    सुमिरत होय दुसह दुख नासा ॥

    चरन पकरि, कर जोरि मनावौं ।

    यहि औसर अब केहि गोहरावौं ॥

    उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई ।

    पायँ परौं, कर जोरि मनाई ॥

    ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।

    ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥

    ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल ।

    ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल ॥

    अपने जन को तुरत उबारौ ।

    सुमिरत होय आनंद हमारौ ॥

    यह बजरंग-बाण जेहि मारै ।

    ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ॥

    पाठ करै बजरंग-बाण की ।

    हनुमत रक्षा करै प्रान की ॥

    यह बजरंग बाण जो जापैं ।

    तासों भूत-प्रेत सब कापैं ॥

    धूप देय जो जपै हमेसा ।

    ताके तन नहिं रहै कलेसा ॥

    ॥ दोहा ॥

    उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै,

    पाठ करै धरि ध्यान ।

    बाधा सब हर,

    करैं सब काम सफल हनुमान ॥

    15:14 (IST) 22 Apr 2024
    श्री हनुमंत स्तुति (Hanuman Ji Mantra)

    मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥

    वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

    14:46 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती की आरती (Hanuman Aarti)

    श्री हनुमंत स्तुति ॥

    मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,

    जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥

    वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,

    श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

    ॥ आरती ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ।

    दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

    जाके बल से गिरवर काँपे ।

    रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

    अंजनि पुत्र महा बलदाई ।

    संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    दे वीरा रघुनाथ पठाए ।

    लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

    लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।

    जात पवनसुत बार न लाई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    लंका जारि असुर संहारे ।

    सियाराम जी के काज सँवारे ॥

    लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।

    लाये संजिवन प्राण उबारे ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    पैठि पताल तोरि जमकारे ।

    अहिरावण की भुजा उखारे ॥

    बाईं भुजा असुर दल मारे ।

    दाहिने भुजा संतजन तारे ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।

    जय जय जय हनुमान उचारें ॥

    कंचन थार कपूर लौ छाई ।

    आरती करत अंजना माई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    जो हनुमानजी की आरती गावे ।

    बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥

    लंक विध्वंस किये रघुराई ।

    तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ।

    दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

    ॥ इति संपूर्णंम् ॥

    13:52 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती पर पवनपुत्र को लगाएं ये भोग (Hanuman Jayanti 2024 Bhog)

    हनुमान जयंती पर भगवान की विधिवत पूजा करने के साथ उनका प्रिय भोग लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस भोग को लगाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए हनुमान जयंती पर पवनपुत्र को मीठी बूंदी, बेसन के लड्डू, केला या अन्य लाल रंग का फल, पान का बीड़ा, गुड़ और भीगे चने की दाल, जलेबी आदि का भोग लगा सकते हैं।

    13:20 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती पर बन रहा शुभ योग, इन राशियों को मिलेगा लाभ

    इस साल हनुमान जयंती पर मंगलवार होने के साथ-साथ रवि योग, चित्रा नक्षत्र बन रहा है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन मीन राशि में ग्रहों का जमावड़ा लग रहा है, जिससे पंचग्रही योग बन रहा है। इसके साथ ही मेष राशि में बुध और सूर्य की युति से बुधादित्य योग , मंगल के अपनी उच्च राशि मीन में आने से मालव्य राजयोग, शनि के मूल त्रिकोण राशि में होने से शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक में क्लिक करें…

    Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर बन रहा पॉवरफुल पंचग्रही योग, इन राशियों की चमकेगी किस्मत, पदोन्नति के साथ हर काम में मिलेगी सफलता

    13:03 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जी के इन नामों का करें जाप

    केसरीनंदन और अंजनी पुत्र पवन पुत्र हनुमान को बजरंगबली सहित कई नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि इन नामों का नाम लेने मात्र से व्यक्ति के हर दुख-दर्द दूर हो जाता है। मारुति, केसरी नंदन, पवनसुत, पवनकुमार, महावीर, बालीबिमा, मरुत्सुता, अंजनी सुत, संकट मोचन, आंजनेय, रुद्र आदि नाम है।

    12:11 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती 2024 पूजा सामग्री (Hanuman Jayanti 2024 Puja Samagri)

    लकड़ी की चौकी, बिछाने के लिए लाल कपड़ा, लाल लंगोट, जनेऊ, चोला, जल कलश, सिंदूर, चमेली का तेल, पंचामृत, गंगाजल, अक्षत, चंदन, गुलाब के फूलों की माला या फिर कोई अन्य लाल फूल, इत्र, भुने चने, गुड़, नारियल, केला या अन्य फल, चूरमा, पान का बीड़ा, दीपक, धूप अगरबत्ती, कपूर, घी, तुलसी पत्र, पूजा थाली एकत्र कर लें।

    11:29 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप (Hanuman Jayanti Mantra)

    हं हनुमंते नम:।

    नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा

    ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

    ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

    ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

    हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल: अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।

    11:11 (IST) 22 Apr 2024
    हनुमान जयंती पर बना त्रेता युग जैसा योग

    शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मंगलवार के दिन मेष लग्न, वज्रयोग और चित्रा नक्षत्र में हुआ था। त्रेता युग वाला शुभ योग इस साल हनुमान जयंती पर बन रहा है। इस दिन मंगलवार होने के साथ-साथ नक्षत्र, वज्र योग और मेष लग्न के योग भी बन रहा है। जहां वज्र योग 23 अप्रैल की सुबह से लेकर 24 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 57 मिनट तक है। इसके साथ ही चित्रा नक्षत्र भी 23 अप्रैल को सुबह से लेकर रात 10 बजकर 32 मिनट तक है।