Guru Purnima 2025: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का खास महत्व है। ज्योतिष पंचांग के अनुसार हर साल गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाये जाने का विधान है। इस तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इस दिन महान गुरु महर्षि वेदव्यास जिन्होंने ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्यों की रचना की उनका जन्म हुआ था। साथ ही इस दिन गुरु पूजन करने का खास महत्व है। साथ ही शुभ अवसर पर पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन को वेद व्यास जी की जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। वहीं लोग गुरु पूजन करते हैं। साथ ही गुरु को उपहार में फल, वस्त्र और मिष्ठान देते हैं। वहीं इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा घर पर कराना शुभ रहता है। आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व…
गुरु पूर्णिमा तिथि 2025
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई को रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 11 जुलाई रात को 02 बजकर 07 मिनट पर तिथि खत्म होगी। इस प्रकार से 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:10–4:50 बजे
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59–12:54 बजे
- विजय मुहूर्त: दोपहर 12:45–3:40 बजे
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:21–7:41 बजे
गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima 2025 Significance)
गुरु पूर्णिमा के दिन सभी गुरुओं को नमन किया जाता है। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन मास प्रारंभ हो जाता है, जिसका उत्तर भारत में बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर भगवान वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर गुरु पूर्णिमा के पर्व को मनाया जाता है। वेद व्यास ने कई वेदों और पुराणों की रचना की थी। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वेद व्यास जी की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व है। वहीं गुरु की हमारे जीवन में महत्व को समझाने के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरुओं को उपहार देते हैं और उनका आर्शीवाद लेते हैं।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चंद्रोदय- रात 07 बजकर 20 मिनट पर
चंद्रास्त- चंद्रास्त नहीं
निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
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