Guru Nanak Dev Ji Quotes: सिख धर्म के 10 गुरुओं में से पहले गुरु नानक देव को सिख धर्म का संस्थापक माना जाता है। उनके जन्मदिन को गुरु नानक देव जयंती या गुरुपर्व के रूप में दुनिया भर में कार्तिक के महीने में मनाया जाता है, जो अक्टूबर-नवंबर के महीनों के दौरान आती है। इस साल इस अवसर को 23 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा और भारत में इस दिन छुट्टी होती है। साल 1469 में पहले सिख गुरु रहे नानक देव के जन्मदिवस सिख समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
यह त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। इस पवित्र त्यौहार के उत्सव की शुरुआत ‘अखण्ड पाठ’ से होती है। इस दौरान 48 घंटों तक बिना रुके गुरू ग्रंथ साहिब- सिखों की पवित्र पुस्तक में लिखे गए छंदों को दोहराया जाता हैं। गुरु प्रकाश उत्सव से पहले, ‘नगरकिर्तन’ आयोजित किया जाता है। इसके बाद अनुयायी सिख झंडा लेकर, जिसे निशान साहिब कहते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब की पाल्की के लेकर सड़कों पर मार्च करते हैं। इस मौके पर आइए पढ़ें गुरु नानक के कुछ शब्द।
जिसे खुद पर विश्वास नहीं है, वह कभी भगवान पर विश्वास नहीं कर सकता।
वहीं कहें जिससे आपको आदर मिले।
जो प्यार करते हैं, उन्हें भगवान मिलता है।
धर्म वह है, जो सभी इंसानों को बराबर मानता है।
कोई उसे तर्क द्वारा नहीं समझ सकता, भले वो युगों तक तर्क करता रहे।
साचा साहिबु साचु नाइ
भाखिआ भाउ अपारु
आखहि मंगहि देहि देहि
दाति करे दातारु।
अर्थ- प्रभु सत्य एवं उसका नाम सत्य है।
अलग अलग विचारों एवं भावों तथा बोलियों में उसे भिन्न भिन्न नाम दिये गये हैं।
प्रत्येक जीव उसके दया की भीख मांगता है तथा सब जीव उसके कृपा का अधिकारी है।
और वह भी हमें अपने कर्मों के मुताबिक अपनी दया प्रदान करता है।
गुरमुखि धिआवहि सि अम्रित पावहि सेई सूचे होही।।
अहिनिसि नाम जपह रे प्राणी मैले हछे होही।।
जेही रुति काइआ सुख तेहा तेहो जेही देही।।
नानक रुति सुहावी साई बिन नावै रुति केही।।
अर्थ- जो गुरमुख ध्यान करते हैं, दिव्य अमृत पाते हैं वो पूरी तरह शुद्ध हो जाते हैं,
दिन रात प्रभु का नाम जपो तो तुम्हारी आत्मा भी शुद्ध हो जाती है,
जैसी यह ऋतु है वैसे ही हमारा शरीर अपने आप को ढाल लेता
नानक कह रहे हैं कि जिस ऋतु में प्रभु का नाम नहीं उस ऋतु का कोई महत्व नहीं है।
तुधनो सेवहि तुझ किआ देवहि मांगहि लेवहि रहहि नही।।
तू दाता जीआ सभना का जीआ अंदरि जीउ तुही।।
अर्थ-हे प्रभु जो लोग तुम्हारी सेवा करते हैं वो तुम्हें क्या दे सकते हैं, वो तो खुद तुमसे माँगते हैं;
तुम सभी आत्माओं के महान दाता हो, सभी जीवित प्राणियों के भीतर जीवन हो।
गुरु नानक देव जी के आगमन पर्व की शुभ कामनायें!
तन महि मैल नाही मन राता।।
गुर बचनी सच सबदि पछाता।।
तेरा ताण नाम की वडिआई।।
नानक रहणा भगति सरणाई।।
अर्थ- जिसका मन प्रभु के अभ्यस्त है, उसके शरीर में कोई प्रदूषण नहीं है,
गुरु के शब्द के माध्यम से सच्चे शब्द का एहसास होता है,
सभी शक्तियां तुम्हारे नाम के माध्यम से तुम्हारी है,
नानक अपने भक्तों के अभयारण्य में पालन करता है।
गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की शुभ कामनायें।