कथा वाचक मोरारी बापू (Morari Bapu) पर भाजपा के पूर्व विधायक पबुभा माणेक ने हमला करने का प्रयास किया। ये घटना 18 जून की है। जानकारी के मुताबिक मोरारी बापू जब द्वारका जगत मंदिर के दर्शन करने के बाद भाजपा सांसद पूनम माडम के साथ पत्रकार वार्ता करने के लिए बैठे थे, इसी दौरान पबुभा माणेक ने उन पर हमले का प्रयास किया और गाली-गलौज की। बताया जा रहा है पबुभा माणेक मुरारी बापू द्वारा हिंदू देवता ‘श्रीकृष्ण’ और उनके बड़े भाई ‘बलराम’ पर किये गये टिप्पणी से नाराज थे। आइये जानते हैं कौन हैं मोरारी बापू…
12 की उम्र में याद कर लिया था राम चरितमानस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अंबानी तक सीधी पहुंच रखने वाले मोरारी बापू का जन्म गुजरात के भावनगर ज़िले के तलगाजरडा गांव में 25 सितंबर, 1946 को हुआ था। रिपोट्स के मुताबिक अनुसार उनकी दादी उन्हें घंटों तक लोक कथाएं सुनाती थीं और उनके दादा उन्हें राम चरित मानस सुनाते थे। मोरारी बापू की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक उन्होंने 12 साल की उम्र में ही पूरे राम चरित मानस को याद कर लिया था और चौदह वर्ष में राम कथा को पढ़ना और उसका गायन करना शुरू कर दिया।
गांव में ही सुनाई थी पहली रामकथा: शुरुआत में चंद लोगों को रामायण की चौपाइयां सुनाने से शुरुआत करने वाले मोरारी बापू ने अपनी पहली रामकथा साल 1960 में अपने ही गांव में की थी। आज की तारीख में मोरारी बापू ने 800 से भी ज्यादा कथा का पठन कर चुके हैं। जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, ब्राजील, भूटान, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और केन्या आदि विभिन्न देश शामिल है। वर्ष 2009 में, बापू ने महुवा में ‘विश्व धर्म वार्ता और सिम्फनी सम्मेलन’ का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन दलाई लामा ने किया था।
उन्होंने 17 सितंबर 2016 को, उन्होंने अबु धाबी में कथावाचन किया। जहां सुल्तान मोहम्मद-बिन-जयद-अल-नहयान ने मोरारी बापू का भव्य स्वागत किया था। 2011 में तिब्बत में बापू ने कैलाश पर्वत की तलहटी में सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक राम कथाओं में से एक का आयोजन किया। अपनी रामकथा में एक भी रुपया न लेने की घोषणा करने वाले मोरारी बापू अक्सर सामाजिक कार्यों के चलते भी चर्चा में रहते हैं। गुजरात का भूकंप हो या बिहार में आई बाढ़ हो या फिर पुलवामा हमला हो, वो सहायता करते दिखे हैं।