Gita Jayanti 2019: गीता जयंती अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यही कारण है कि इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस साल गीता जयंती 8 दिसंबर 2019 (रविवार) को मनाई जाएगी। अगहन शुक्ल पक्ष की एकादशी को शास्त्रों में मोक्षदा एकादशी का नाम दिया गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक उपवास रखकर पूजा करने से हर प्रकार के मोह से मोक्ष मिलता है। गीता जयंती का मुख्य उद्देश्य है कि इंसान गीता के संदेशों को जिंदगी में पालन करें। ऐसे में जानते हैं गाता का प्रमुख उपदेश
क्रोध पर नियंत्रण: श्रीकृष्ण ने अर्जुन को क्रोध के बारे में बताया कि यह किस प्रकार इंसान का पतन करता है। गीता के उपदेश में श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि क्रोध से भ्रम पैदा होता है। जिसके बाद बुद्धि व्यग्र होने लगती है। जब बुद्धि व्यग्र होने लगती है तो तर्क करने की क्षमता खत्म हो जाती है। जब मनुष्य का तर्क नष्ट हो जाता है तो व्यक्ति का नैतिक पतन होने लगता है।
ज्ञान और कर्म की एकरूपता: श्रीकृष्ण अर्जुन को कहते हैं कि एक ज्ञानवान व्यक्ति को ज्ञान और कर्म को एक समान देखना चाहिए। जो मनुष्य ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वास्तव में उसी का नजरिया सही है।
मन पर काबू: गीता में श्रीकृष्ण यह उपदेश देते हैं कि मनुष्य को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए। जो मनुष्य अपने मन पर काबू नहीं पाता उसके लिए उसका मन शत्रु के समान होता है। बंधन और मोक्ष का कारण मन ही है।
मनुष्य जैसा सोचता है वैसा ही बनता है: गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि इंसान आपके विश्वासों से बनता है। मनुष्य जैसा विश्वास करता है, वह वैसा ही बनता है।
चिंता का त्याग: गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि मनुष्य को न कोई नहीं मार सकता है। आत्मा न तो पैदा होती है और न ही मरती है, इसलिए इंसान को मरने का भय लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए।