Gayatri Mantra Meaning And Benefits: हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को अन्य कई मंत्रों से अधिक प्रभावशाली बताया गया है। ऐसी भी मान्यता है कि इस मंत्र का उच्चारण करने और इसका अर्थ समझने से साक्षात ईश्वर की प्राप्ति होती है। मन शांत होता है साथ ही सकारात्मकता से आपकी त्वचा में चमक भी आती है। इसके जप से जीवन में आ रही समस्याओं से निपटने की शक्ति मिलती है। बेहद ही लाभकारी मंत्र माना गया है ये…

गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्

गायत्री मंत्र का अर्थ: भगवान सूर्य की स्तुति में गाए जाने वाले इस मंत्र का अर्थ है… उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।

कब करें गायत्री मंत्र का जाप: शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का दिन में 3 बार जाप करना चाहिए। पहला समय है प्रात:काल का सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरू करके सूर्योदय के बाद तक करें। दूसरा समय है दोपहर का। फिर शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए। इन तीन समय के अलावा अगर आप गायत्री मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो मौन रहकर करें।

मंत्र के लाभ: इस मंत्र के उच्चारण से गुस्सा शांत होता है। कई बीमारियों में राहत मिलती है। इसके जप से रक्त का संचार सही तरह से होता है। त्वचा के लिए भी यह मंत्र फायदेमंद है। इसके जप से स्किन में निखार आता है। पढ़ने वाले बच्चों का पढ़ाई में मन लगने के साथ स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। बिजनेस, नौकरी या जीवन में आ रही किसी भी तरह की परेशानियों से निपटने के लिए इस मंत्र का जाप अत्यंत ही लाभकारी माना गया है। इस मंत्र के उच्चारण से वास्तु अनुसार आस पास की सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।

गायत्री मंत्र जप की विधि: इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना सबसे अच्छा माना गया है। जप से पहले स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र कर लें। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर माता गायत्री का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जप करना चाहिए।