Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखने के साथ पूजा की जाती है। लेकिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का महत्व सर्वाधिक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन से आरंभ होकर गणेशोत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ इसका समापन होता है। इन दिनों में भक्त गणपति बप्पा को घरों में, मंदिरों में और सार्वजनिक पंडालों में बड़े हर्षोल्लास से विराजित करते हैं। आज से लेकर अगले 10 दिनों तक भक्तजन गणपति की विधिवत पूजा-अर्चना कर उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। माना जाता है कि इन दिनों में गणपति बप्पा की उपासना करने से घर-परिवार में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और शांति का वास होता है। भगवान गणेश अत्यंत सहज और सरलता से प्रसन्न होने वाले देवता हैं। भक्त के सच्चे मन से किए गए पूजन और भक्ति को वे तुरंत स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन कुछ चीजों को उन्हें चढ़ाने की मनाही होती है। ऐसा करने से वह रुष्ट हो जाते हैं। आइए जानते हैं गणेश जी को कौन ची चढ़ाने की मनाही है…
गणेश जी को न चढ़ाएं तुलसी
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को तुलसी दल अति प्रिय माना गया है, इसलिए उनकी पूजा-अर्चना में तुलसी पत्र का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि बिना तुलसी दल के भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन दूसरी ओर भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का उपयोग वर्जित है। इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार, एक बार देवी तुलसी ने भगवान गणेश को अपने पति के रूप में पाने की प्रबल इच्छा प्रकट की और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा। किंतु गणपति बप्पा ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। क्रोध और आक्रोश में आकर तुलसी जी ने भगवान गणेश को शाप दे दिया कि उनका दो विवाह होंगे। इस शाप को सुनकर गणेश जी भी क्रोधित हो उठे। उन्होंने प्रतिशाप देते हुए कहा कि, “हे तुलसी! तुम्हें भी राक्षस से विवाह करना होगा और मेरी पूजा में तुम्हारा उपयोग कभी नहीं किया जाएगा।
गणेश जी न चढ़ाएं केतकी का फूल
हिंदू धर्म में केतकी के फूल को श्रापित माना गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी में कौन श्रेष्ठ है। इस बात को लेकर युद्ध हो रहा था। तब शिव जी ने एक रास्ता निकाला था। लेकिन केतकी के फूल के साथ मिलकर ब्रह्मा जी ने छल करना चहा। भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के इस छल को समझ लिया और अत्यंत क्रोधित हुए। तभी उन्होंने केतकी के फूल को शाप दिया कि अब से उनकी पूजा में यह फूल स्वीकार नहीं किया जाएगा। चूँकि भगवान गणेश, भगवान शिव के पुत्र हैं, इसलिए गणेश पूजा में भी केतकी के फूल को अर्पित करना वर्जित माना गया है।
गणेश जी न चढ़ाएं टूटा हुआ चावल
भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले चावल का विशेष महत्व है। इन्हें संस्कृत में अक्षत कहा जाता है यानी संपूर्ण चावल। इसलिए भगवान गणेश को कभी भी टूटा हुआ या अधूरा चावल अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अपूर्णता और विघ्न का संकेत देता है।
गणेश जी को न चढ़ाएं सफेद चीजें
पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रदेव अपनी सुंदरता और तेज के लिए प्रसिद्ध थे। वे स्वयं को ब्रह्मांड का सबसे सुंदर और मनोहर मानते थे। इस बात का उन्हें काफी अहंकार था। ऐसे में उन्होंने एक बार गणेश जी का मजाक उड़ा दिया। भगवान गणेश ने चंद्रमा के इस व्यवहार से रुष्ट होकर उन्हें शाप दे दिया कि “आज से जो भी तुम्हारा दर्शन करेगा, वह कलंकित होगा। उसे समाज में अपमान और बदनामी का सामना करना पड़ेगा। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना निषिद्ध माना गया है। इसके अलावा चंद्रमा का रंग सफेद है। ऐसे में सफेद रंग की वस्तुएं गणेश जी को नहीं चढ़ाते हैं। इसलिए गणेश जी को सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, सफेद फूल आदि न चढ़ाएं। इसके बदलें लाल रंग की वस्तुएं चढ़ाएं।
अगस्त माह के आखिरी सप्ताह कई राजयोगों का निर्माण होने वाला है। इस सप्ताह शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे बुध के साथ युति करके लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे केतु के साथ युति करेंगे। इसके अलावा इस सप्ताह समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए ज्योतिषी सलोनी चौधरी से जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक राशिफल
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