Jyotish Shastra: ग्रहों की दृष्टि से फरवरी माह को बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आने वाली 9 तारीख को 6 ग्रह एक साथ मकर राशि में मौजूद होंगे। इसके साथ ही, षड्ग्रही योग बनेगा,। ज्योतिषियों की मानें तो ऐसा 59 सालों के बाद होने जा रहा है। बता दें कि 9 फरवरी को रात के करीब साढे 8 बजे चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करेगा। वहीं, इस राशि में शुक्र, बुध, शनि, गुरु और सूर्य पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में इस दौरान 9 ग्रहों में से 6 ग्रह मकर राशि में होने से ग्रहों की युति बनेगी। इससे पहले सन् 1962 में मकर राशि में 6 ग्रहों की युति हुई थी। आइए जानते हैं कि इस बार इसका क्या प्रभाव पड़ेगा –
पौराणिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र मिलता है कि किसी भी राशि में जब 5 या उससे ज्यादा ग्रहों की मौजूदगी होती है तो उससे देश-दुनिया में कई तरह के बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। इसके प्रभाव से मौसम बदलने लगेगा। साथ ही लोगों की सेहत पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि खेती व व्यापार से जुड़े लोगों के लिए ये संघर्षशील रहेगा। जबकि शिक्षा व अध्यात्म से जुड़े लोगों के लिए समय अच्छा बीतेगा।
हो सकती हैं अप्रत्याशित घटनाएं: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर राशि में शनि व गुरु की मौजूदगी साथ ही, उसके केंद्र में मेष राशि में मंगल होने से भूकंपन की स्थिति बनती है। इस युति के प्रभाव से माना जा रहा है कि भूकंप आने के योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पाकिस्तान और उत्तर भारत में भकंप के हल्के झटके महसूस किये जा सकते हैं। इतना ही नहीं, कहीं-कहीं बारिश व ओले गिरने की संभावना भी नजर आ रही है।
गंभीर हो सकता है किसान आंदोलन: माना जा रहा है कि षड्ग्रही युति प्राकृतिक आपदा के अलावा राजनीतिक उथल-पुथल के योग भी बना रही है। इससे हिंसा बढ़ने की भी संभावना है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ये योग किसान आंदोलन के और भी तेज व उग्र होने की ओर इशारा कर रहा है।
कैसे होते हैं इस योग में जन्म लेने वाले शिशु: विद्वान बताते हैं कि इस युति के समय जन्म लेने वाले जातकों का स्वभाव घुमंतु होता है। अस्थिर मन-मस्तिष्क के कारण ध्यान केंद्रित करना इन लोगों के लिए आसान नहीं होता है। माना जाता है कि इन्हें विदेश में या फिर अपने जन्मस्थल से दूर जाकर ही ये सफलता प्राप्त कर पाते हैं।