Rahu Dosha: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राहु को नवग्रह में से एक माना जाता है। इसे छाया ग्रह कहा जाता है। लेकिन यह एक ऐसा ग्रह है, जो व्यक्ति को जीवन में खुशियां ही खुशियां भर सकता है और चाहे तो कष्ट ही कष्ट दे सकता है। राहु की स्थिति और दशा कुंडली में व्यक्ति के वर्तमान के साथ-साथ भविष्य पर भी अधिक प्रभाव डालती है। ऐसे में व्यक्ति को नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ता है। कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर होने के कारण  व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है उसके सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। उत्साह एकदम खत्म हो जाता है। इसके साथ ही वह व्यक्ति हमेशा चिंता औप भ्रम में बना रहता है। दिमाग ठीक ढंग से काम न करने के कारण निर्णय लेने में परेशानी होने लगती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ने लगता है।

कुंडली में राहु के कमजोर होने के संकेत

सांप दिखना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर है, तो अक्सर मरा हुआ सांप या फिर ऐसे ही सांप दिखता रहता है। ऐसा होने पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है।

मरी हुई छिपकली देखना

राहु के कमजोर होने से व्यक्ति को अधिकतर मरी हुई छिपकली दिखती रहती है। ऐसा होने से व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।

गृह-क्लेश रहना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गृह क्लेश अधिकतर बना रहता है, तो यह राहु की स्थिति कमजोर होने के कारण भी हो सकता है।  

नाखून टूटना और बाल गिरना

राहु के अस्त या फिर कमजोर होने के कारण व्य़क्ति के अधिक नाखून टूटने लगते हैं। इसके साथ ही अधिक मात्रा में बाल टूटते रहते हैं। इसके साथ ही मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

याददाश्त कमजोर होना

राहु के कमजोर होने से याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बार-बार चीजों को भूल जाता या फिर निर्णय लेने में असमर्थ होना शामिल है।

राहु के अशुभ फलों से बचने के उपाय

  • राहु की अशुभ स्थिति से बचने के लिए रोजाना 108 बार ‘ऊँ राहु रां राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
  • कुंडली में अशुभ स्थिति से बचने के लिए पक्षियों को बाजार खिलाएं।
  • राहु को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से राहु कवच का पाठ करना चाहिए।