Ekadashi Vrat 2023 Dates: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अधिक महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जनवरी 2023 में 18 तारीख को षटतिला एकादशी का व्रत पड़ रहा है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस व्रत में तिल का अधिक महत्व है। तिल का प्रयोग 6 प्रकार से किया जाता है। इस व्रत में तिल से स्नान, तिल से हवन, तिल का उबटन, तिल का भोजन, तिल से पूजा और तिल का दान किया जाता है। इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहा जाता है।
षटतिला एकादशी 2022 पूजा विधि (Shattila Ekadashi 2023)
-सुबह सूर्योदय से पहले उठें और पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
-भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें।
-पूजा के बाद व्रत संकल्प लें।
-रात्रि में भगवान विष्णु की आराधना करें।
-रात्रि में जागरण करें और हवन करें।
-व्रत के बाद द्वादशी के लिए भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
-ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान करें।
षटतिला एकादशी 2022 का महत्व (Shattila Ekadashi 2023 Importance)
ज्योतिष शास्त्र और मान्यता के अनुसार इस दिन तिल का दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।
षटतिला एकादशी पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार नारद जी एक बार भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ पहुंचे। नारद जी ने भगवान विष्णु से षटतिला एकादशी व्रत के महत्व के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में पृथ्वी लोक पर एक ब्राह्मण महिला थी, जिसके पति की मृत्यु हो गई थी। उसने एक बार षटतिला एकादशी का व्रत रखा और विधि-विधान से मेरी पूजा की। व्रत के प्रभाव से उसका शरीर शुद्ध हो गया।
भगवान विष्णु ने बताया कि वह महिला कभी भी नियमित रूप से ब्राह्मणों को अन्न का दान नहीं करती थी। एक बार मैं स्वयं उसके पास भिक्षा मांगने पहुंचा। महिला ने मिट्टी का पिंड बनाकर मेरे हाथ में रखा दिया और मैं अपने धाम वापस आ गया। पौराणिक कथा के अनुसार कुछ समय बाद महिला ने देह त्यागकर भगवान विष्णु के धाम पहुंच गई, जहां उसे खाली कुटिया मिली, जिसे देखकर वह महिला घबरा गई।
तब भगवान विष्णु ने उस महिला से कहा कि जब देव कन्याएं मिलने आए,तो कुटिया का द्वार तभी खोलना, जब वह आपको षटतिला एकादशी व्रत का महत्व बताएं। देव कन्याओं के द्वारा बताए गए विधि से महिला ने षटतिला एकादशी का व्रत किया और उसकी कुटिया अन्न से भर गई।