ग्रहों के हिसाब से राशियों पर भगवान शनि के विचरण जातकों के जीवन पर कई तरह के प्रभाव डालते हैं। शुक्रवार (22 जनवरी) को शनि मकर राशि में रहते हुए सूर्य के नक्षत्र उत्तराशाढ़ा से चंद्रमा के नक्षत्र ‘श्रवण’ में प्रवेश कर गए। इस साल शनि देव कोई गोचर नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से अलग-अलग राशि के लोगों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा।
शनि को कर्म का देवता कहा जाता है। इसलिए शनि के नक्षत्र परिवर्तन से विभिन्न राशियों पर प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार शनिदेव 18 जनवरी 2023 तक मकर राशि में स्वगृही रहेंगे। इस बीच 30 अप्रैल 2022 से 9 जुलाई 2022 तक कुम्भ राशि में गोचर करेंगे।
भगवान शनि जब चंद्र के नक्षत्रों का वेध करते हैं विष योग जैसा योग लोगों को परेशान करने लगता है। इसका प्रभाव श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर अधिक पड़ेगा। इसीलिए उन्हें अपने अच्छे कर्मों के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। ऐसे लोगों को किसी का अहित नहीं करना चाहिए। शुभ कर्म करते हुए भगवान की आराधना में लीन रहना शुभदायक होता है।
शनि के राशि परिवर्तन से मेष, कर्क. वृश्चिक, वृष, कन्या और धन राशि के लोगों के जीवन में लाभ होंगे। उन्हें शनि भगवान की नित्य आराधना करते हुए दान-पुण्य करते रहने से जीवन सुखमय रहेगा को फायदा होगा। इसी तरह मिथुन, तुला, कुंभ, सिंह मकर और मीन राशि के लोगों के लिए यह अच्छा नहीं है। इन राशियों के जातकों को शनि की आराधना, दीपदान, शनि मंदिर में तेल या घी के दीपक जलाने, जल चढ़ाने और शनिवार को व्रत रहने से लाभ होगा। काले तिल और काले कपड़े का गरीबों को दान करने से भी फायदा होगा।

