Dussehra 2018 Date in India, Vijayadashami 2018: दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पर इस बार दशमी तिथि को लेकर कुछ भ्रांति है। आइए इसकी पड़ताल करते हैं। यदि दिल्ली को केंद्र मान लिया जाए तो 18 अक्टूबर को 15.28 पर श्रवण नक्षत्र, शूल योग और गरज करण में दशमी तिथि लगेगी। और यह 19 अक्टूबर को को 17.57 तक रहेगी। श्रवण नक्षत्र 18 अक्टूबर की मध्य रात्रि और 19 अक्टूबर की प्रातः 00.33 तक रहेगा। कुछ पारंपरिक मान्यताएं उदया तिथि को महत्व देती हैं। उदया तिथि से आशय सूर्योदय के समय मौजूद तिथि से है। यानी जिस तिथि में सूर्योदय होता है, वही तिथि मान्य होती है। पर इस बार स्थित ज़रा भिन्न है।
लेकिन सिर्फ़ उदया तिथि पर्याप्त नहीं है। इससे पहले दशहरा मनाने के नियम को समझना होगा। दशहरा दरअसल अपराह्न का पर्व है, न कि प्रातःकाल या रात्रि का। दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है। ग्रंथों के अनुसार यह देवी जया और विजया का पर्व है। लिहाज़ा इस पर्व को विजय काल में ही मनाया जाता है। विजय काल सामान्यत: अपराह्न में पड़ने के कारण दशहरे की तिथि का निर्णय करने के लिए अपराह्न का चुनाव अनिवार्य रूप से किया जाता है। इसीलिए नियम कहता है कि यदि दशमी तिथि दो दिन हो, तो दशहरा का त्योहार दूसरे दिन मनाया जाएगा। पर कहीं-कहीं मान्यतायें भिन्न है।
चित्रांचल, यानी उड़ीसा का कुछ भाग और भारत के पश्चिमी हिस्से महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर के पंजाब में पारंपरिक अवधारणा के अनुसार यदि दशमी तिथि दो दिन हो और दोनों में से एक दिन श्रवण नक्षत्र हो, तो दशहरा श्रवण नक्षत्र में मनाया जाएगा। पर यदि दशमी तिथि दूसरे दिन अपराह्न तक न हो, पर श्रवण नक्षत्र दूसरे दिन हो, तो भी दशहरा दूसरे दिन मनाया जाएगा। पर नियम अपराह्न में रावण दहन और शस्त्र पूजन को लेकर अडिग हैं।
Dussehra 2018 Date: जानें कब मनाया जाएगा अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व दशहरा
पूर्वी भारत में विजय काल 19 अक्टूबर को 13.57 से 14.42 तक रहेगा। लिहाज़ा उत्तर और पूर्व में दशहरे का पर्व 19 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। पर पश्चिमी भारत पूर्वी भारत से लगभग 40 मिनट पीछे है। अतएव पश्चिमी भारत को विजय काल 18 अक्टूबर को ही मिल जाएगा। लिहाज़ा दशहरा और विजयादशमी पश्चिम भारत में 18 अक्टूबर और उत्तर व पूर्वी भारत में 19 अक्टूबर को मनायी जाएगी।