नवरात्रि का पर्व 10 अक्टूबर से आरंभ हो चुका है। देश के विभिन्न हिस्सों में नवरात्रि की धूम नजर आ रही है। दुर्गा पूजा की शुरुआत भी हो चुकी है। पंडालों में माता दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं। मां के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भींड़ लग रही है। मालूम हो कि दुर्गा सप्तशती का पाठ बड़ा ही शुभ फलदायी माना जाता है। लेकिन नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ को विशेष माना गया है। आज हम इसी बारे में विस्तार से बात करने वाले हैं। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ लगातार नौ दिनों तक करना चाहिए। मान्यता है कि मां दुर्गा इससे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। और अपने भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।

कहते हैं कि नवरात्रि में जो भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ लगातार नौ दिनों तक मां की आराधना करता है, दुर्गा मां उसके सारे कष्ट हर लेती हैं। मान्यता है कि नवरात्र में दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने से अन्‍न, धन, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। इससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है और व्यक्ति समाज में काफी मान-सम्मान हासिल करता है। ऐसा कहा जाता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर की दरिद्रता दूर होती है और परिवार के लोगों का आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है।

बता दें कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी माना गया है। सबसे जरूरी यह है कि पाठ करते समय उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए। कहते हैं कि सप्तशती का गलत उच्चारण करने से पूरे फल की प्राप्ति नहीं होती। दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय शुद्धता का ध्यान रखना बहुत अनिवार्य है। भूलकर भी गंदी जगहों पर इसका पाठ नहीं करना चाहिए। मालूम हो कि इसके पाठ के लिए भक्त को बिना सिले हुए कपड़े धारण करने चाहिए। साथ ही पाठ वाली जगह पर शांतिपूर्ण वातावरण होना चाहिए।