सदगुरु स्वामी आनन्द जी
Durga Puja 2018, Date, Importance: आत्मिक शक्ति के जागरण का पर्व शारदीय नवरात्रि का आगाज बुधवार, 10 अक्टूबर, 2018 को चित्रा नक्षत्र, वैधृती योग और भाव करण में हो रहा है। मां दुर्गा की विदाई यानी विसर्जन शुक्रवार, 19 अक्टूबर को धनिष्ठा नक्षत्र, शूल योग और गरज करण में होगा। देवी भागवत के अनुसार नवरात्रि पर माँ का आगमन और प्रस्थान विशेष वाहन पर होता है। देवी के आने तथा जाने वाले हर वाहन में भविष्य का कुछ संकेत छिपे होते हैं। मां दुर्गा इस वर्ष धरा पर अपनी स्वर्ण नौका पर सवार होकर पधारेंगी, जो रत्नों से जड़ी होगी। यानी इस वर्ष माता रानी अपने भक्तों के बीच उन्हें भवसागर से पार करने के लिए तारणहार स्वरूप में अवतरित होंगी।
यूं दुर्गा का यह वाहन कामनापूरक माना गया है। नौकाविहार की मुद्रा में देवी का प्राकट्य इस नवरात्रि में साधना और उपासना से अभीष्ट सिद्धि की ओर इशारा कर रहा है जो पूर्ण निष्ठा से जप, तप और आराधना से इस साल अद्भुत लाभ का संयोग निर्मित करता है, मगर इस इशारे में बेड़ा पार और भवसागर दोनों सूत्र छिपे हुए हैं। अब आइए इस संकेत को सितारों की कसौटी पर परखते हैं।
इस नवरात्रि के आगाज पर आकाश मण्डल में सूर्य मित्र बुध की राशि कन्या में, राहु शत्रु चन्द्रमा की राशि कर्क में, मंगल अपने शत्रु शनि की राशि मकर में, शनि वैचारिक विरोधी वृहस्पति की राशि धनु में और वृहस्पति अपने धुरविरोधियों शुक्र और बुध के साथ शुक्र की ही राशि तुला में गतिशील हैं। यह ग्रहयोग कुछ सकारात्मक और ढेरों नकारात्मक स्थितियों की सरगोशी कर रहा है। लिहाजा आने वाला वक्त किसी भयंकर आर्थिक तूफान और तत्पश्चात उसके निवारण का भी संकेत दे रहा है।
नाव से मां का आगमन आर्थिक कष्ट के साथ किसी प्राकृतिक आपदा का भी संकेत है। ये किसी धनी देश के आर्थिक चक्रव्यूह में फंसने की भी चुगली कर रहा है। शुक्रवार, 19 अक्टूबर, 2018 को मां ऐरावत पर आशीर्वाद मुद्रा में सवार होकर विदा होंगी। सफेद हाथी पर सवार होकर देवी का प्रस्थान ऐश्वर्य का परिचायक है। लिहाजा नवरात्रि के बाद के छः मास जल और धन धान्य की पूर्णता और अतिवृष्टि और बाद के छः महीने किसी सक्षम व्यक्ति या राष्ट्र की मदद से आर्थिक स्थिति के लिए सकारात्मक नजर आ रहे हैं।