Chanakya Niti For Life: आचार्य चाणक्य एक महान दार्शनिक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने एक नीति शास्त्र की रचना की थी। जिसमें उन्होंने जीवन कैसे जीना चाहिए। साथ ही कौन- कौन से मूल्यों को लेकर इंसान को जीवन में चलना चाहिए। वहीं नीति शास्त्र में व्यक्ति के जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए कई उपयोगी सुझाव दिये गये हैं। वहीं आचार्य चाणक्य दान को लेकर बताया है कि दान किसे और कैसे करना चाहिए। साथ ही बताया गया है दान करने से व्यक्ति को कौन- कौन से लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने क्या कहा है दान के बारे में…
Chanakya Neeti- दान है हाथों का श्रृंगार
दानेन पाणिर्न तु कङ्कणेन स्नानेन शुद्धिर्न तु चन्दनेन ।
मानेन तृप्तिर्न तु भोजनेन ज्ञानेन मुक्तिर्न तु मण्डनेन ।।
चाणक्य नीति में दान करना जरूरी बताया गया है
नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को नियमित रूप से दान करना चाहिए। साथ ही व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार दान करना चाहिए। वहीं आगे कहते हैं कि दान करने से व्यक्ति को कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं दान करने से जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन भी बना रहता है। वहीं इंसान को अपने धर्म के अनुसार सच्चे मन से दिल खोलकर दान पुण्य करना चाहिए। धर्म के मामले में दान करने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए। वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शरीर तब ही शुद्ध होता है, जब इंसान दान करता है।
दान के समान और कोई कार्य नहीं
नान्नोदकसमं दानं न तिथिर्द्वादशी समा ।
न गायत्र्याः परो मन्त्रो न मातुर्दैवतं परम् ।।
दान हमेशा अच्छे कर्म वाले व्यक्ति को ही देना चाहिए
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दान हमेशा ऐसे व्यक्ति को देना चाहिए, जिसे सच में जरूरत हो और वह आपके दिए दान के पैसे को सही जगह लगाएंं। ऐसा नहीं कि व्यक्ति उन पैसों से नशा वगेरा कर रहा है। साथ ही दान कभी भी स्वार्थ से नहीं करना चाहिए। ऐसा दान व्यर्थ ही चला जाता है। वहीं चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान मंदिर या अन्य धार्मिक संस्थानों में दान करता है, उसके घर में कभी भी पैसों की तंगी नहीं रहती है। ऐसा व्यक्ति घर परिवार के मामले में खुशहाल होता है और उसके घर में सदैव शांति का वास रहता है। आगे कहते हैं व्यक्ति को सुख और पुण्य की प्राप्ति के लिए दान अवश्य करना चाहिए। साथ ही उसे गायत्री मंत्र का जाप हमेशा करना चाहिए।