Kundli Me Durghatna Ke Yog: वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी किसी बच्चे का जन्म होता है, तो उसकी कुंडली में ग्रह अच्छी और बुरी स्थिति में स्थित होते हैं। वहीं यह ग्रह कई शुभ और अशुभ योगों का निर्माण करते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं दुर्घटना योग (Durghatna Ke Yog) के बारे में, जिसकी वजह से व्यक्ति को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। दुर्घटना के कारक ग्रह मुख्यतय मंगल, शनि और राहु माने जाते हैं। आइए जानते हैं कुंडली में वो कौन सी स्थितियां हैं जो दुर्घटना योग बनाती हैं और इनके क्या उपाय हैं…
ग्रहों की ऐसी स्थिति से बन सकते हैं दुर्घटना के योग
1- अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में छठे स्थान और आठवें स्थान का स्वामी किसी अशुभ ग्रह के साथ स्थित हो तो दुर्घटना होने की संभावना बनती है। वहीं अगर यहां मंगल या शनि ग्रह स्थिति है तो व्यक्ति को रक्त या हड्डी से संबंधित परेशानी हो सकती है।
2-यदि जन्मकुंडली में लग्न या लग्नेश पर कोई मारक या अशुभ ग्रह गोचर करता है तो उस व्यक्ति के साथ दुर्घटना हो सकती है।
3-व्यक्ति को जन्मकुंडली में मारक ग्रह की अंतरदशा के दौरान भी दुर्घटना की वजह से कष्ट झेलना पड़ता है। साथ ही दवाइयों में बहुत रुपये खर्च होते हैं।
4- कुंडली में मंगल ग्रह और शनि के एक ही स्थान में होने से दुर्घटना योग का निर्माण होता है। वहीं अगर इन ग्रहों का संबंध अगर लग्न या धन भाव से बन रहा हो तो भी दुर्घटना होने के चांस रहते हैं।
5- यदि किसी व्यक्ति के लग्न भाव या कुंडली के दूसरे भाव में राहु और मंगल बैठे हों तो भी दुर्घटना योग बनता है। वहीं अगर यह ग्रह नीच या अशुभ स्थिति में विराजमान हैं, तो व्यक्ति को मृत्यु तुल्य कष्ट भी हो सकता है।
करें ये ज्योतिषीय उपाय
- अगर शनि और मंगल ग्रह के कारण योग बन रहा हो तो शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही व्यक्ति को हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। हनुमान मंदिर में रोज चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
- पक्षियों को अनाज के दाने डालने चाहिए। वहीं अगर मंगल ग्रह के कारण योग बन रहा हो तो लाल मसूर डालनी चाहिए।
- मंगलवार को मंगल ग्रह से संबंधित दान निकालने चाहिए।
- वाहन पर वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र स्थापित करना चाहिए।