वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र, 12 राशियां और 9 ग्रहों का वर्णन मिलता है। शनि देव को को भी नवग्रहों में स्थान प्राप्त है। शनि देव को कर्म फलदाता और न्याय का देवता कहा जाता है। साथ ही  शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। इस दिन लोग शनिदेव की पूजा अर्चना करते हैं। यह दिन शनि देव के अलावा भगवान भैरव का दिन भी माना जाता है। 

अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे काम करता है तो उसके ऊपर शनिदेव की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है परंतु बुरे कामों को करने वाले लोगों को शनिदेव दंड देते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों का शनि जन्म कुंडली में सकारात्मक स्थित होता है, उसको अपने जीवन में समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। आज हम आपको कुछ ऐसे कामों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनको शनिवार के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए अन्यथा जीवन में परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।

1.शनिवार के दिन भूलकर भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा इसकी वजह से शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं और आपके अच्छे भले जीवन में परेशानियां उत्पन्न होने की संभावना रहती है। क्योंकि शनि देव को मास- मदिरा से सख्त नफरत है।

2. शनिवार के दिन पूर्व और ईशान दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। खासतौर से पूर्व दिशा में दिशा शूल रहता है। ऐसी स्थिति में अगर जरूरी है तो अदरक खाकर ही यात्रा कीजिए। इससे पहले आप पांच कदम उल्टे पैर चलें, उसके बाद ही आप यात्रा करें। तो आपकी यात्रा सुखद रहेगी।

3. आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि शनिवार के दिन लड़की को ससुराल नहीं भेजना चाहिए, यह शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है शनिवार को विदा करने से घर की लक्ष्मी चली जाती है।

4. आप शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे से बनी हुई कोई भी चीज खरीद कर अपने घर ना लाएं अन्यथा इसके कारण बिना कि किसी बात की बाधा उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इतना ही नहीं बल्कि अचानक ही कष्ट का भी सामना करना पड़ता है।

5. शनिवार के दिन बाल कटवाना या नाखून काटना वर्जित माना जाता है। शनिवार का दिन भारी वार माना जाता है।

6. शनिवार के दिन नमक, तेल, चमड़ा, काला तिल, काले जूते, लोहे का सामान ना खरीदें। अगर आप शनिवार के दिन नमक खरीदते हैं तो इससे कर्ज का बोझ बढ़ता है। कलम, कागज और झाड़ू खरीदने से भी बचें, तो बेहतर होगा।

7. शनिवार के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए अन्यथा इसकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। वैसे तो झूठ कभी भी ना बोलें क्योंकि झूठ बोलना ठीक नहीं होता है।

8. शनिवार के दिन आप किसी भी गरीब, अंधे, अपंग और किसी मजबूर महिला का अपमान मत कीजिए। यह काम आप शनिवार के दिन ही नहीं बल्कि किसी भी दिन ना करें।

ज्योतिष में शनि ग्रह:

शनि तुला राशि में उच्च के होते हैं तो मेश इनकी नीच राशि कहलाती है। 27 नक्षत्रों में इन्हें पुष्य, अनुराधा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। बुध और शुक्र शनि के मित्र ग्रह हैं और सूर्य, चंद्रमा और मंगल शत्रु ग्रह माने जाते हैं। शनि के गोचर काल की अवधि लगभग 30 महीने की होती है। साथ ही शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है। अगर कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में हैं, तो व्यक्ति जीवन में स्वास्थ्य को लेकर कभी परेशान नहीं रहता। साथ ही उसके सारे कम बनते चले जाते हैं।

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