Diwali 2018 Laxmi Puja Vidhi, Muhurat, Time Today, Mantra, Samagri: माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। माना जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर लक्ष्मी जी की कृपा होती है, उसे कभी भी अपने जीवन में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। माता लक्ष्मी का दिवाली पर्व से खास रिश्ता है। दिवाली पर समस्त हिंदू समुदाय उनकी पूजा-अर्चना करता है। मान्यता है कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से वे बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं और अपने भक्त की आर्थिक दिक्कतों को दूर करती हैं। यही कारण है कि दिवाली पर लोग अपने घरों में माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और अपने समस्त परिजनों के साथ उनकी आराधना करते हैं।
शुभ मुहूर्त: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि मुहूर्त का ध्यान नहीं रखने पर पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। इस साल 7 नवंबर को दिवाली है। चलिए पूजा का शुभ मुहूर्त जानते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:57 से 07:53 तक।
प्रदोष काल: शाम 05:27 बजे से 08:06 बजे तक।
वृषभ काल: 05:57 बजे से 07:53 बजे से तक।
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मंत्र: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के दौरान आप इस आराधना मंत्र का जाप कर सकते हैं। कहते हैं कि दिवाली पर इस मंत्र का जाप करने से माता बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाती है। और अपने भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
ॐ हिरण्यवर्णान हरिणीं सुवर्ण रजत स्त्रजाम
चंद्रा हिरण्यमयी लक्ष्मी जातवेदो म आ वहः।।
पूरे देशवासी दिवाली की खुशियों में डूबे हुए हैं। आप भी इसका हिस्सा बन जाइए। आप इस शानदार तस्वीर से दिवाली की बधाई दे सकते हैं।
दिवाली का पर्व आज पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। देश की समस्त जनता दिवाली की खुशियों में डूबी हुई नजर आ रही है।
दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है। इसे अंधकार पर उजाले की जीत के रूप में भी देखा जाता है। कहते हैं कि इस खास मौके पर माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
दिवाली हिंदुओं के पुराने त्योहारों में से एक है जिसे लोग काफी उत्साह के साथ मनाते हैं। जैसे होली को रंगो का त्योहार कहा जाता है। वैसे ही दिवाली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है। लक्ष्मी जी की पूजा दिवाली को खास बना देती है।
दिवाली के दिन लोग लोग तरह-तरह के पकवान भी बनाते हैं। और अपने पड़ोसियों को इसे साझा भी करते हैं। महिलाएं इस दिन काजल जरूर लगाती हैं ताकि अपने आपको बुरी नजर से बचा सकें।
दिवाली पर अपने परिजनों को तस्वीरों के जरिए बधाई देने का चलन है। आप इस शानदार तस्वीर को अपनों तक भेज सकते हैं।
मान्यता है कि चरणामृत को पीने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक भाव पैदा होते हैं। वहीं सेहत भी ठीक रहती है। शास्त्रों में बताया गया है कि चरणामृत विष्णु-लक्ष्मी जी का प्रिय होता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
चरणामृत का अर्थ 'भगवान के चरणों में अमृत' होता है। इसे पंचामृत भी कहा जाता है। चरणामृत दूध, घी, शहद, तुलसी और चीनी से मिलाकर बनाया जाता है। दिवाली की पूजा में चरणामृत का मां लक्ष्मी को भोग लगना शुभ माना जाता है।
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए हमें चरणामृत बनाना नहीं भूलना चाहिए। इसका लक्ष्मी पूजा में बहुत महत्व होता है।