Diwali 2018 Date: इस वर्ष 07 नवंबर (बुधवार) को देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। दीपों के इस त्योहार को भारत में उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्योहार को सबसे बड़े त्योहार के रूप में माना जाता है। इसे बड़ी दिवाली भी कहा जाता है। बड़ी दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस बार छोटी दिवाली 6 नवंबर को मनाई जा रही है। छोटी दिवाली नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस के रूप में भी जानी जाती है। आमतौर पर नरक चतुर्दशी से पहले, घर की सजावट और रंगीन रंगोली बनाकर मानते हैं। उत्तर भारत में लोग घी घर के बाहर दीप जलाकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। वहीं अगले दिन यानी बड़ी दिवाली को अयोध्या के राजा राम द्वारा 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस घर लौटने की खुशी में दीप जलाकर मनाया जाता है, इसलिए इसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है।
दिवाली के दिन लोग नए या अपने सबसे अच्छे कपड़े पहिन कर शाम को सभी लोगों से आदर-भाव से मिलते हैं। दीप जलाते हैं, मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, एक या अधिक अपने ईस्ट देवताओं का आव्हान करते हैं। भगवान गणेश, कुबेर और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। सिख धर्म मे लोग दिवाली को बंदी छोर दिवस के रूप में भी मनाते हैं और जैन इस त्योहार को भगवान महावीर जी की स्मृति के रूप में मानते हैं।
दरअसल, भारत में दिवाली प्राचीन समय से ही मनाई जा रही है। यह त्योहार 14 साल के वनवास के बाद दशरथ के पुत्र राम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आये थे। राम की वापसी पर अयोध्या वासियों ने दीपक जलाए थे। इसके बाद से ही दिवाली का त्योहार रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा। हालांकि दिवाली की उत्पत्ति को लेकर और कई मत भी हैं। कई जगह इस त्योहार को देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की शादी के रुप में मनाया जाता है। वहीं पश्चिम बंगाल में दिवाली का त्योहार काली मां को समर्पित किया जाता है। दिवाली के दिन लोग शगुन के तौर पर जुआ भी खेलते हैं। माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ चौसर का खेल खेला था। दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग बर्तन, सोना और कई सामानों की खरीददारी करते हैं।