Dhanteras 2025 Aarti, Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics (मां लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी): देशभर में धनतेरस का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर प्रदोष काल में कुबेर जी, धन्वतंरी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस समय विधिपूर्वक पूजन करने से जीवन में समृद्धि, सुख और शुभता का वास होता है। धनतेरस पूजन के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा के अंत में आरती करना अत्यंत आवश्यक होता है। आरती करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं और घर में धन, वैभव तथा सुख-शांति का आगमन होता है। साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य की वृद्धि होती है। आइए, जानें मां लक्ष्मी की संपूर्ण आरती ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता लिरिक्स इन हिंदी..

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मां लक्ष्मी की आरती लिरिक्स (Maa Laxmi Aarti Lyrics)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

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तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

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महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

दिवाली और धनतेरस पर करें इन मंत्रों का जाप (Maa Laxmi Mantra)

‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:’।
‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।’
‘ॐ ऐं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।’
‘ॐ ऐं क्लीं सौ:।’
‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगत्प्रसूत्यै नम:।’
‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं लक्ष्मी ममगृहे धनं पूरय चिन्ताम् दूरय स्वाहा।’
‘ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नम:।’
‘ॐ श्रीं च विद्महे अष्ट ह्रीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी-विष्णु प्रचोद्यात।’

दिवाली के बाद नवबंर माह में ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन करके वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन राशि में विराजमान शनि के साथ संयोग करके नवपंचम राजयोग का निर्माण करेंगे। इस राजयोग का निर्माण होने से 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलने वाला है। लेकिन इन तीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियोें के बारे में

मेष राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृषभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
मिथुन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकर्क राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
सिंह राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकन्या राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
तुला राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृश्चिक राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
धनु राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमकर राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
कुंभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमीन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल

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