धनतेरस के दिन महालक्ष्मी के सचिव कुबेर का पूजन किया जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन धन्वंतरि जी का भी जन्म हुआ था इसलिए इसे धन्वन्तरि जयंती भी कहा जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरन हाथ में अमृत कलश लेकर भगवान विष्णु के इस अवतार ने जन्म लिया था। धनतेरस के दिन भगवान कुबेर के साथ इनकी और माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी की इस आरती का जरूर करें गान और सुनें लक्ष्मी जी के ये भजन…
लक्ष्मी जी की आरती (Mata Laxmi Aarti) :
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय…
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय…
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जोकोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय…
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय…
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय…
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय…
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय…
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की अराधना आप लक्ष्मी अमृतवाणी को सुनकर भी कर सकते हैं। सुनिये कविता पौडवाल की आवाज में श्री लक्ष्मी अमृतवाणी।
गणेश जी की आरती (Ganesh Aarti) :
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
कहते हैं मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर में साफ सफाई रखनी चाहिए। साथ ही उनकी विधि विधान पूजा की जानी चाहिए। खास तौर पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए धनतेरस और दिवाली के दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा आप लक्ष्मी चालीसा का पाठ करके भी उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।