धनतेरस पर यम के नाम का दीपक जलाने का समय, पूजा विधि, मंत्र और मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस कहा जाता है।

धनतेरस का पर्व इस साल 25 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग दिवाली के लिए माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की खरीदारी, बर्तन और सोने-चांदी के सामान की खरीदारी भी करते हैं। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी और मृत्युदेव यमराज की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन को धनवंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस कहा जाता है। धनतेरस पर अपने घर में कैसे करें पूजा, जानिए यहां…
धनतेरस के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, जानें विधि, मंत्र और सामग्री लिस्ट
धनतेरस क्यों मनाया जाता है? जानिए पूजा विधि, खरीदारी का सर्वोत्तम मुहूर्त और अन्य जानकारी
धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi At Home) :
– धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा विशेष तौर पर की जाती है।
– शाम के समय उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धन्वन्तरी भगवान की स्थापना करें।
– भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वन्तरि को पीली मिठाई चढ़ाएं।
– फिर भगवान कुबेर के लिए “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें।
– इसके बाद “धन्वन्तरि स्तोत्र” का पाठ अवश्य करें।
– भगवान कुबेर और धन्वन्तरि की पूजा के साथ ही इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भी पूजा करना अनिवार्य है।
– इस दिन मिट्टी का घी डालकर दीपक जलाएं और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें। उनको फूल चढ़ाकर मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।
– दीपावली के दिन, कुबेर को धन स्थान पर और धन्वन्तरि को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
धनतेरस के दिन यम देव की पूजा विधि :
– घर में यम का दीपक निकालने से पहले उसकी पूजा करें।
– किसी साफ लकड़ी के तख्त या पटरे में रोली से स्वस्तिक का निशान बनायें। फिर मिट्टी के चौमुखी दीपक को उस तख्त पर रखें।
– दीपक पर चारों और तीन बार गंगा जल से छिड़काव करें और उस पर रोली का तिलक लगाएं।
– फिर उस तिलक पर चावल रखें और दीपक पर फूल चढ़ाएं। दीपक में थोड़ी सी चीनी भी डालें।
– दीपक में 1 रुपये का सिक्का भी डालें। फिर परिवार के सभी सदस्यों को तिलक लगाकर और दीपक को घर के सभी सदस्यों के साथ नमन करें।
– इस विधि से दीपक की पूजा करने के बाद उस दीपक को घर के मुख्य द्वार पर दाहिने तरफ रखें। ध्यान रहे कि दीपक की लौ दक्षिण दिशा की तरफ हो क्योंकि ये दिशा यम का निवास स्थान मानी जाती है।