Vivah Muhurat 2023: देवउठनी एकादशी के साथ चातुर्मास समाप्त हो गया है और मांगलिक कार्य एक बार से शुरू हो गए है। शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 मास के लिए क्षीर सागर में योग निद्रा के लिए चले जाते हैं और सृष्टि के संचार का भार भगवान शिव को सौंप जाते हैं। इन चार मास को चातुर्मास लग जाते हैं। इसके साथ ही मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, विवाह, छेदन आदि शुरू हो जाते हैं। हर साल चार मास का चातुर्मास होता है, लेकिन इस साल अधिक मास होने के कारण पूरे पांच का चातुर्मास पड़ रहा है। इसके साथ ही कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि या देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जाग गए है और सृष्टि का संचार का कार्यभार अपने हाथों में ले लिया है। साल 2023 के नवंबर और दिसंबर माह में विवाह के कुछ ही शुभ मुहूर्त है। जानिए इन मुहूर्तों के बारे में…
नवंबर और दिसंबर 2023 में विवाह मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवंबर माह में 6 और दिसंबर माह में सात शादी के मुहूर्त है। इसके बाद 16 दिसंबर से खरमास आरंभ हो जाएंगे, जो 14 जनवरी तक चलेंगे। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से विराम लग जाएगा।
नवंबर 2023 में विवाह मुहूर्त
नवंबर माह की बात करें, देवउठनी एकादशी के दिन यानी आज करना शुभ होगा। इसके अलावा 24, 27, 28, 29 नवंबर को विवाह मुहूर्त है। 30 नवंबर को कोई भी शुभ नक्षत्र नहीं है। इसलिए इस दिन विवाह मुहूर्त नहीं बन रहा है।
दिसंबर 2023 में विवाह मुहूर्त
दिसंबर महीने में विवाह के मुहूर्त की बात करें, तो 5, 6, 7 8, 9, 11, 15 दिसंबर को बन रहा है।
खरमास दिसंबर 2023
साल के अंतिम खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहे हैं। इसके साथ ही मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। बता दें कि जब सूर्य धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करता है, तो खरमास आरंभ हो जाते हैं। खरमास को मलमास भी कहा जाता है। 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि में पूरे एक माह रहेंगे।
शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य देवताओं के गुरु बृहस्पति की राशि में गोचर करते हैं, तो गुरु ग्रह कमजोर हो जाता है। ऐसे में किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योंकि इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।