किसी शुभ कार्य पर निकलने से पहले आपको भी आपके घर वालों ने दही-चीनी खाने की सलाह दी होगी। आपने खाया भी होगा। लेकिन क्या आपने सोचा कि ऐसा क्यों किया जाता है? आखिर किसी शुभ कार्य पर जाने से पहले दही-चीनी खाने की सलाह क्यों दी जाती है? यदि नहीं तो हम आपको बताते हैं। दरअसल हिंदू धर्म में पांच अमृत तत्व माने गए हैं। इनमें से एक दही भी है। ऐसे में दही खाने की महत्ता को समझा जा सकता है। मान्यता है कि दही-चीनी खाकर जाने से कार्य में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। कहते हैं कि दही-चीनी खाकर घर से निकलने वाला व्यक्ति निराश होकर वापस नहीं लौटता। वह अपने साथ गुड न्यूज लेकर आता है।

दही-चीनी खाने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा के दूर होने की बात भी कही गई है। साथ ही इससे व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। इस स्थिति में व्यक्ति का काम करने में काफी मन लगता है जिससे कि उस कार्य में सफल होने की संभावना अत्यधिक होती है। माना जाता है कि दही-चीनी खाने से व्यक्ति की उलझन दूर होती है। वह चीजों को अच्छी तरह से समझ पाता है। और नए विचारों के साथ काम करता है जिससे बेहतर रिजल्ट आता है।

ज्योतिष शास्त्र में भी दही-चीनी खाने के लाभ बताए गए हैं। दरअसल दही का रंग सफेद होता है और सफेद रंग का कारक चंद्रमा है। ऐसे में दही खाने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इससे व्यक्ति का भाग्य पक्ष भी मजबूत हो जाता है। और व्यक्ति को उसके कार्य में सफलता मिलती है। दही-चीनी खाने से मस्तिष्क के शांत रहने की बात भी कही गई है। इस स्थिति में व्यक्ति बेहतर ढंग से अपने काम पर फोकस कर पाता है। और अच्छा रिजल्ट देता है।