Chhath Puja 2024 Date And Time In UP, Bihar and Jharkhand: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से छठ पूजा आरंभ हो जाती है,जो पूरे 4 दिनों तक चलती है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और उत्तम भविष्य के लिए सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करती है। इसके साथ ही करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। छठ पूजा में पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन लोहंडा और खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन ठेकुआ बनाना सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसके बगैर पूजा पूरी नहीं होती है। आइए जानते हैं इस साल कब से शुरू हो रही है छठ पूजा। इसके साथ ही जानें शुभ मुहूर्त सहित अन्य जानकारी
कब है छठ 2024? ( Chhath Puja 2024 Date)
द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि के साथ छठ पूजा आरंभ होती है। बता दें षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो रही है, 8 नवंबर को सुबह 12 बजकर 35 मिनट समाप्त हो रही है। उदया तिथि के आधार पर छठ पूजा 7 नवंबर को है। इस दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
छठ पूजा 2024 कैलेंडर ( Chhath Puja 2024 Calendar)
छठ पूजा का पहला दिन: नहाय खाय- 0 5 नवंबर 2024, मंगलवार
छठ पूजा का दूसरा दिन: खरना- 6 नवंबर 2024, बुधवार
छठ पूजा का तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर , गुरुवार
छठ पूजा का चौथा दिन: उषा अर्घ्य- 8 नवंबर, शुक्रवार
छठ पूजा के चार दिनों का महत्व
पहला दिन- नहाय खाय 2024 ( Chhath Puja 2024 Nahaye Khaye)
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय-खाय कहते हैं। इस इस दिन साफ-सफाई के साथ छठ का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर है और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर है।
दूसरा दिन – खरना 2024 ( Chhath Puja 2024 Kharna)
छठ पूजा के दूसरे दिन को लोहंडा या फिर खरना कहा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है।इस दिन माताएं दिनभर व्रत रखती हैं और पूजा के बाद गुड़ की खीर खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ कर देती है। इस दिन मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी से आग जलाकर चावल, दूध और गुड़ की खीर बनती है।
तीसरा दिन -छठ पूजा अर्घ्य ( Chhath Puja 2024 Ardhaya Timing)
छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय नदी या फिर तालाब में जाकर अस्त हो रहे सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही बांस के सूप में फल, गन्ना, चावल के लड्डू, ठेकुआ सहित अन्य सामग्री रखकर नदी, सरोवर के अंदर खड़े होकर पूजा की जाती है। इस दिन सूर्यास्त शाम 5 बजकर 29 मिनट पर है।
चौथा दिन- उषा अर्घ्य 2024 Chhath Sun Rise 2024)
छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर है। इस दिन व्रती अपने व्रत का पारण कर देती हैं। इसके साथ ही अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
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