Chhath Puja 2020 Date in India: कार्तिक मास को हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों के लिए जाना जाता हैं। दिवाली के तीन दिन बाद यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व की शुरुआत हो जाती है। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व भारत में मनाया जाता है। कई लोग छठ पर्व को सिर्फ बिहार से जोड़कर देखते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। दुनियाभर में छठ के इस पावन त्योहार को महापर्व के रूप में मनाया जाता है। साल 2020 में 18 नवंबर, बुधवार से 21 नवंबर, शनिवार तक मनाया जाएगा। इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है।

नहाय खाय है खास- 18 नवंबर, बुधवार यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय खाय मनाया जा रहा है। छठ पर्व में इस दिन का खास महत्व है। छठ व्रती स्त्रियां इस दिन स्नान कर सूर्य देव की पूजा कर व्रत संपूर्ण होने की कामना करती हैं। इस दिन घर में सरसो का साग और कद्दू बनाया जाता है। इस दिन स्नान और भोग के महत्व की वजह से ही इस दिन को नहाय खाय कहा जाता है।

विशेष है लोहंडा/ खरना – छठ महापर्व के दूसरे दिन लोहंडा मनाया जाता है। इसे खरना भी कहा जाता है। कहते हैं कि इसका मतलब शुद्धिकरण होता है। व्रतियों को केवल तन या मन ही नहीं बल्कि विचारों से भी शुद्ध होना चाहिए। व्रती महिलाएं इस दिन प्रसाद खाने के बाद सीधा तब ही प्रसाद खाती हैं जब छठ पर्व पूरा हो जाता है।

महापर्व का सबसे खास दिन है षष्टी यानी छठ पर्व – यह छठ महापर्व का सबसे खास दिन होता है। इस दिन व्रती महिलाएं ढलते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं। साथ ही उनसे आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 05 बजकर 26 मिनट है। सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 48 मिनट रहेगा।

इस दिन के साथ पूजा होती है संपन्न, किया जाता है पारण – षष्टी के अगले दिन यानी सप्तमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। फिर अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रती महिलाएं दूध और प्रसाद खाकर व्रत खोलती हैं।