आज (24 अगस्त) को हरितालिका तीज का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां व्रत रखती हैं। इस दिन रखे गए व्रत को तीजा भी कहा जाता है। यह व्रत हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। श्रेष्ठ पति की कामना और पति की लंबी आयु के लिए कुंवारी कन्या और विवाहित महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत रखती हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेती हैं। तृतीया तिथि 24 अगस्त को सुबह 5.45 मिनट से ही लग गई। इस व्रत का संकल्प ककड़ी का सेवन करके किया जाता है और ककड़ी के सेवन से व्रत खोला जाता है।

हरितालिका तीज का प्रदूष काल शाम 6.30 बजे से रात 8.27 बजे तक है। पूजा का वक्त एक घंटा 56 मिनट है। इस व्रत में कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है। इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था।

इस दिन मंदिर में जाना जरूरी है, हालांकि, घर में रहकर भी शिव और पार्वती की पूजा की जा सकती है। ऐसे मंदिर में जाने की कोशिश करें जहां भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की मूर्तियां साथ में हों। अगर ऐसा संभव नहीं है तो केवल शिवलिंग की पूजा भी की जा सकती है। मंदिर जाते वक्त 16 श्रंगार का सामान ले जाना होता है। इनमें कंघी, आइना, सिंदूर, बिंदी, काली मोतियों का मंगलसुत्र, लिप्सटिक, काजल, एक दर्जन चूड़ियां, मेहंदी, नेल पॉलिस, चांदी की बिछिया, लाल वस्त्र, लाल चुनरी, भगवान शिव के लिए पीला कपड़ा, जनेऊ, कलावा शामिल हैं। ये ले जाकर मंदिर में माता पार्वती को अर्पित करना होता है।

इसके अलावा पूजन के लिए दो पानी वाले नारियल ले जाएं और मिष्ठान के लिए घर में गुंजियां बना लें। शिव और पार्वती को नमकीन चीजें नहीं चढ़ती हैं। इसके साथ ही दो फूलों की माला भी ले जाएं। मंदिर में जाकर गाय के ताजा दूध में मिश्री मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद रोली से उनको तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद उन्हें फल, फूल अर्पित कर दें और दो दीपक चला दें। मंदिर में बैठकर आराम से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें।