Chankya Neeti/Chankya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान के संचार से पूरे समाज को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने धर्मनीति, कूटनीति और राजनीति के साथ ही प्रेम पर भी अपने विचार रखे थे। आचार्य चाणक्य एक ऐसे महान विद्वान थे जिनके द्वारा बताई गई बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थी। वे चाणक्य ही थे जिन्होंने अपनी कूटनीति के द्वारा साधारण चन्द्रगुप्त को मगध का राजा बना दिया था। चाणक्य ने चाणक्य नीति नाम की पुस्तक लिखी थी जिसमें ऐसी बातें बताई गयी है जो हमारे जीवन को एक सार्थक मोड़ दे सकती है। उन्होंने अपने नीति ग्रंथ (चाणक्य नीति) में जीवन की परेशानियों से निकलने के कई उपाय बताए हैं. इसी में वो इंसान के 5 मांओं का जिक्र भी करते हैं. आइए जानते हैं चाणक्य के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति की उन 5 मांओं के बारे में…
राजपत्नी गुरोः पत्नी मित्र पत्नी तथैव च।
पत्नी माता स्वमाता च पञ्चैता मातरः स्मृता।।
1. चाणक्य नीति में आचार्य ने इस श्लोक के जरिये बताया है कि एक इंसान की 5 मां होती हैं। चाणक्य के अनुसार राजा या शासक की पत्नी माता के अनुरूप ही होती हैं। चाणक्य के मुताबिक हर व्यक्ति को राजा की पत्नी को मां के रूप में मानना चाहिए और समान दर्जा देना चाहिए।
2. इसके अलावा, उन्होने कहा है कि गुरु की पत्नी भी मां के समान होती हैं। उनके साथ भी मां के जैसा ही व्यवहार करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि गुरु पिता तुल्य होता है और उनकी पत्नी मां समान होती हैं। चाणक्य के अनुसार गुरु और गुरु माता दोनों को मां-पिता के बराबर मानने से संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति होती है।
3. आचार्य चाणक्य ने दोस्त की पत्नी को भी मां समान बताया है। उनके अनुसार मित्र की पत्नी को भी मां के समान दर्जा देना चाहिए। ऐसा करने से लोगों के सम्मान में इजाफा होता है।
4. चाणक्य नीति के इस श्लोक की मानें तो अपनी सास यानी पत्नी की माता को भी मां का दर्जा देना चाहिए। सास और मां के बीच किसी भी प्रकार का पक्षपात करने से बचना चाहिए। दोनों का एक समान ही सम्मान करना चाहिए।
5. अंत में चाणक्य जन्म देने वाली मां को 5वीं मां बताते हैं। उनके अनुासार वो मां जो आपको इस धरती पर लाती हैं और हर संभव प्रयास करती है कि जीवन में अपने लक्ष्य को हासिल करें, उनका सम्मान करने से ही लोगों को सफलता मिलती है।