वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की युति से कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है। ऐसे ही जब राहु या फिर केतु का किसी ग्रह के साथ युति होती है, तो वह उसे भी दूषित कर देते है। जिसके कारण कई राशियों के जीवन पर बुरा असर पड़ने लगता है। ऐसे ही आज साल का पहला चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा तुला राशि में संचार करेंगे। बता दें कि इस राशि में पहले से ही केतु ग्रह विराजमान है। ऐसे में राहु और चंद्रमा की युति से अशुभ योग चंद्र ग्रहण योग का निर्माण हो रहा है। यह योग काफी अशुभ माना जाता है। जानिए इस योग से किन राशियों के जीवन में परेशानियां खड़ी हो सकती है।

चंद्र ग्रहण योग कब बनता है

कुंडली में अगर चंद्रमा और राहु या केतु से युति होती है, तो चंद्र ग्रहण का योग बन जाता है। जब सूर्य ग्रहणयोग जहां मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और सामाजिक मान्यता पर असर डालता है। वहीं,  चंद्रमा ग्रहण योग बनने से व्यक्ति के मानसिक रूप से असर डालता है, क्योंकि चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। ऐसे में केतु उसे दूषित कर देता है। जिसके कारण मन, दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।

ग्रहों की स्थिति से बनता है  चंद्र ग्रहण योग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति के हिसाब से सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण योग बनता है। बता दें, कि जब केतु और चंद्रमा एक ही घर में मौजूद होते हैं, तो कुंडली में पूर्ण चंद्र ग्रह दोष लगता है और राहु और चंद्रमा की युति होती है, तो अर्ध चंद्र ग्रहण का योग बनता है। 

चंद्र ग्रहण योग लगने  इन राशियों की बढ़ेगी मुश्किलें

चंद्र ग्रहण योग बनने से कई राशियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

मेष राशि

इस राशि में केतु आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं। वहीं चंद्रमा का तुला राशि में संचार करने से इस राशि के जातकों को वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। व्यापार में भी उतार चढ़ाव आ सकता है। इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

वृषभ राशि

इस राशि में केतु सातवें भाव में विराजमान हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मच सकती है।इसके साथ ही अविवाहित लोगों के शादी में किसी न किसी तरह की अड़चन आ सकती है। शत्रु आपके ऊपर हावी हो सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर भी थोड़ा सचेत रहने की जरूरत है।

तुला राशि

इस राशि में छाया ग्रह केतु दूसरे भाव में स्थित है। इसके साथ ही चंद्रमा भी इसी राशि में संचार करेंगे। ऐसे में इस राशि के जातकों का मन थोड़ा अशांत रह सकता है। यह लोग थोड़ा अकेलापन महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही परिवार, दोस्तों के साथ थोड़े संबंध भी खराब हो सकते हैं। परिवार के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो सकती है।