2019 का पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी दिन सोमवार को लगने जा रहा है। चंद्रग्रहण को भारतीय ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना बताया गया है। कहते हैं कि पूर्णिमा की रात में घटित होने के कारण प्रकृति में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। चंद्रग्रहण में सूतक के समय का विशेष ख्याल रखा जाता है। माना जाता है कि चंद्रग्रहण के समय लगने वाले सूतक के नियमों का पालन हर इंसान को करना चाहिए। दरअसल 21 जनवरी 2019 को लगने वाला चंद्रग्रहण भारतीय समय के मुताबिक सुबह आठ बजकर सात मिनट और 34 सेकंड से शुरू होगा। साथ ही इस चंद्रग्रहण की समाप्ति दोपहर एक बजकर साथ मिनट और सेकंड पर होगी।

बता दें कि यह चंद्रग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। जबकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। शास्त्रों में सूतक के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी गई। कहते हैं कि ग्रहण की अवधि में पड़ने वाले सूतक के नियमों का पालन नहीं करने से ग्रहण दोष लगता है। चलिए शास्त्रों के अनुसार हम आपको बताते हैं कि सूतक के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए।

चंद्र ग्रहण का सूतक: सूतक काल वह अशुभ समय है जो ग्रहण के घटित होने से पूर्व शुरू हो जाता है और ग्रहण समाप्ति पर स्नान के बाद खत्म होता है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल को अच्छा समय नहीं माना जाता है इसलिए इस समय में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। इनमें मूर्ति पूजा, मूर्तियों का स्पर्श और भोजन बनाना व खाना वर्जित होता है। हालांकि वृद्धजनों, रोगियों और बच्चों पर ग्रहण का सूतक प्रभावी नहीं होता है। इसके अलावा जहां जिस देश या क्षेत्र में ग्रहण दिखाई देता है वहीं पर उसका सूतक मान्य होता है।

Chandra Grahan 2019 Health Effects