Chandra Grahan September 2024 in India Date and Time Updates: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है। ये चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आया। लेकिन दुनियाभर से इस खगोलीय घटना की तस्वीरें सामने आ रही है। बता दें कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण सुबह 06 बजकर 12 मिनट से आरंभ हुआ था, जो सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो गया है। ये इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का असर देश-दुनिया में काफी अधिक पड़ने वाला है। इसके साथ ही अब अगला चंद्र ग्रहण साल 2025 में पड़ेगा। इसके अलावा इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने वाला है। आइए देखते हैं देश-दुनिया में किस तरह दिखेगा अंतिम चंद्र ग्रहण…
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ मंत्रों का जाप करने से सुख-संपदा की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
1- तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
2- विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार दानव और देवताओं ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस दौरान समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे जिसमें एक अमृत कलश भी निकला था। ऐसे में अमृत पाने के लिए देवताओं और दानवों के बीच विवाद उत्पन्न होने लगा। देवताओं को भय था कि अगर राक्षसों में अमृत पी लिया, तो वह अमर हो जाएंगे और देवताओं का अस्तित्व मिट जाएगा। ऐसे में सभी ने भगवान विष्णु से मदद की गुहार लगाई। ऐसे में मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लिया था। जब श्री हरि विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया। लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहु को ऐसा करते हुए देख लिया। पूरी कथा के लिए क्लिक करें
ये एक उपछाया चंद्र ग्रहण है। बता दें कि चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है तो चंद्रमा पर पृथ्वी की परछाई पड़ती है, तो चंद्र ग्रहण लगता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शुक्र और चंद्रमा मिलकर समसप्तम योग, चंद्रमा और राहु मिलकर ग्रहण योग, शुक्र तुला राशि में रहकर मालव्य राजयोग और शनि शश नामक राजयोग बना रहे हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही है। इस दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों और तस्वीरों को छूने की मनाही होती है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान आदि करने के बाद गंगाजल छिड़कर मंदिर में पुन: पूजा आरंभ करें।
बता दें कि साल का आखिरी और दूसरा उपछाया चंद्र ग्रहण का दिलचस्प नजारा भारत में देखने को नहीं मिलेगा। दरअसल, ये चंद्र ग्रहण सुबह के समय हो रहा है। ऐसे में सूर्य की बढ़ती रोशनी के कारण चंद्रमा आसमान में नजर नहीं आता है। इस कारण चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण के समय पास में एक नारियल रखें। चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद अपने ऊपर से इसे 7 बार घुमाकर उतार लें। इसके बाद इसे जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपके ऊपर से नकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ हर एक समस्या खत्म हो सकती है।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नहीं नजर रहा है। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन कई लोग इसे मानते हैं। बता दें कि इस दौरान जप-तप औऱ ध्यान करने के साथ चंद्रमा के बीज मंत्रों का जाप करें।
साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण यूरोप,अफ्रीका,नॉर्थ और साउथ अमेरिका और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखेगा।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आरंभ हो चुका है। बता दें कि ये चंद्र ग्रहण 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है।
बता दें कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण सुबह के समय लग रहा है। ऐसे में भारत में ये दृश्यमान नहीं होगा। इसलिए भारत में चंद्र ग्रहण नहीं लगेगा।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण थोड़ी देर में लगने वाला है। भारतीय समय के अनुसार, सुबह 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण सुबह के समय लग रहा है। इसलिए ये भारत में दृश्यमान नहीं होगा। बता दें कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण यूरोप,अफ्रीका,नॉर्थ और साउथ अमेरिका और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखेगा।
Chandra Grahan Katha 2024 In Hindi: इनके कारण लगता है चंद्र ग्रहण, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा
साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण कुछ ही घंटों के बाद लगने वाला है। भारतीय समय के अनुसार, सुबह 06 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है। लेकिन सुबह के समय होने के कारण ये भारत में नजर नहीं आएगा।
सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल लग जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कामों को करने की मनाही होती है। चंद्र ग्रहण की बात करें, तो 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जो ग्रहण समाप्त होने के साथ खत्म होता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। बता दें कि भारत में चंद्र ग्रहण सुबह के समय हो रहा है। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण का असर हर राशि के जातकों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ेगा। बता दें कि चंद्र ग्रहण के दौरान मेष, मिथुन, कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि केै जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। इन्हें आर्थिक, शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक 17 सितंबर की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने की मनाही होती है। ग्रहण के दिनों में गर्भवती महिलाओं को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के साथ कुछ मंत्रों का जाप करें।
साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण यूरोप,अफ्रीका,नॉर्थ और साउथ अमेरिका और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखेगा।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर की सुबह 6 बजकर 12 मिनट से लगना शुरू होगा और इसकी समाप्ति सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल में कुल 4 ग्रहण पड़ते हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, 2 सूर्यग्रहण और 2 चंद्रग्रहण शामिल हैं।
नई दिल्ली- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
नोएडा- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
मुंबई- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
बेंगलुरु- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
चेन्नई-17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
कोलकाता- 17 सितंबर की रात 09:12 से 18 सितंबर की सुबह 10:17 तक
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार दानव और देवताओं ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस दौरान समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे जिसमें एक अमृत कलश भी निकला था। ऐसे में अमृत पाने के लिए देवताओं और दानवों के बीच विवाद उत्पन्न होने लगा। देवताओं को भय था कि अगर राक्षसों में अमृत पी लिया, तो वह अमर हो जाएंगे और देवताओं का अस्तित्व मिट जाएगा। ऐसे में सभी ने भगवान विष्णु से मदद की गुहार लगाई। ऐसे में मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लिया था। जब श्री हरि विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया। लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहु को ऐसा करते हुए देख लिया। पूरी कथा के लिए क्लिक करें
चंद्र ग्रहण के दौरान काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शुक्र और चंद्रमा मिलकर समसप्तम योग, चंद्रमा और राहु मिलकर ग्रहण योग, शुक्र तुला राशि में रहकर मालव्य राजयोग और शनि शश नामक राजयोग बना रहे हैं।
18 सितंबर को साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। वहीं साल 2025 की बात करें, तो दो चंद्र ग्रहण लग रहे है। पहला चंद्र ग्रहण 13 मार्च 2025 को लगेगा। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसे ब्लड मून कहा जाएगा।
पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक 17 सितंबर की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म होगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण मीन राशि में लग रहा है। जहां पहले से ही राहु विराजमान हैं। ऐसे में राहु और चंद्रमा की युति से ग्रहण योग बन रहा है। इस ग्रहण के दौरान शुक्र और चंद्रमा का समसप्तक भी रहने वाला है।
चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा की किरणों अशुद्ध हो जाती हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर पड़ता है।
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को नुकीली वस्तुओं जैसे कि चाकू, कैंची और सुईं आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
