Lunar Eclipse 2023: साल का पहला चंद्र ग्रहण समाप्त हो गया है। दिल्ली, लखनऊ सहित भारत के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण का खूबसूरत नजारा देखने को मिला है। बता दें साल का पहला चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हुआ था, जो देर रात 1 बजकर 1 मिनट तक समाप्त हो गया है। साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आया है। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण था। इसलिए चंद्रमा थोड़ा सा धुंधला नजर आया। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण अक्टूबर माह की 28 तारीख को लगने वाला है। यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में भी नजर आएगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा। बता दें कि सूतक काल चंद्र ग्रहण शुरू होने नौ घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद करने के साथ मांगलिक, पूजा-पाठ और शुभ कामों में पाबंदी लग जाती है। देखें साल के पहले उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुछ दुर्लभ तस्वीरें।
चंद्र ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग नासा सहित कई यूट्यूब चैनलों पर की जाएगी। जहां पर आप चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा देख सकते हैं।
साल का पहला चंद्र ग्रहण काफी खास है, क्योंकि करीब 12 साल के बाद चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा। बता दें कि मेष राशि में सूर्य, राहु, गुरु और बुध मिलकर चतुर्ग्रही योग का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में कई राशियों को मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है।
चंद्र ग्रहण के समय दूध, दही और खाने वाली चीजों में तुलसी की पत्तियां अवश्य डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के कारण दूषित नहीं होता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा अधिक फैली होती है। ऐसे में इसका दुष्प्रभाव को कम करने के लिए चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना लाभकारी हो सकता है।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल आरंभ हो चुका है। इस दौरान शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इसके साथ ही बुजुर्ग, बच्चे, बीमार लोग और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी को खानपान से बचना चाहिए। इसके साथ ही घर के खाने को दूषित होने से बचाने के लिए सभी में तुलसी की पत्तियां अवश्य डाल देना चाहिए।
पंडित जगन्नाथ गुरु जी के अनुसार, साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर आ रहा है। इसलिए गर्भवती महिलाएं खुद का ज्यादा ख्याल रखें। ग्रहण के समय घर से बाहर निकलने से बचें। इसके साथ ही कुछ नियमों का पालन जरूर करें।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा तुला राशि में संचार करेंगे। बता दें कि इस राशि में पहले से ही छाया ग्रह केतु विराजमान है। ऐसे में दोनों की युति से चंद्र ग्रहण नाम का अशुभ योग बन रहा है। इस अशुभ योग से कई राशियों के जीवन पर असर पड़ सकता है।
तुला राशि पर बना खतरनाक ‘चंद्र ग्रहण योग’, इन राशियों के जीवन में मच सकती है उथल-पुथल
बता दें कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। आज लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देने वाला है। इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा। इसलिए पूजा-पाठ के साथ-साथ धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।
टाइमएंडडेट डॉट कॉम के अनुसार, साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत सहित एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा।
Lunar Eclipse 2023: भारत में दिखेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए टाइम से लेकर सूतक काल का समय तक
