Chandra Grahan 2021: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में ग्रहण को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलन में हैं। चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों ही अहम होता है। साल 2021 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे जिसमें से एक सूर्य और चंद्र ग्रहण लग चुका है।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कब होगा?: खगोलशास्त्रियों के अनुसार साल 2021 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। जानकार बताते हैं कि ये चंद्र ग्रहण भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर के कई भागों में दिखाई दे सकता है। ग्रहण का प्रभाव सुबह साढ़े 11 बजे से शाम के साढ़े 05 बजे तक रहेगा।
क्या है चंद्र ग्रहण: बता दें कि चंद्र ग्रहण हर बार पूर्णिमा के दिन होता है। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक आमतौर पर सौरमंडल के सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इस दौरान जब पृथ्वीऔर चंद्रमा सूर्य के आसपास चक्कर लगाते हुए एक सीध में आ जाते हैं तब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है। इसी स्थिति में चंद्र ग्रहण लगता है।
तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण: ग्रहण को लेकर लोगों के मन में एक उत्सुकता बनी रहती है, ऐसे में ये जान लें कि चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है। खगोलशास्त्री मानते हैं कि जब पृथ्वी की छाया से चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं।
वहीं, दूसरे प्रकार के चंद्र ग्रहण को आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं। बता दें कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है जिससे चांद का कुछ हिस्सा ही ढकाता है। इस स्थिति को ही आंशिक ग्रहण कहते हैं।
इसके अलावा, चंद्र ग्रहण का तीसरा प्रकार उपच्छाया चंद्र ग्रहण होता है इसे पेनुमब्रल लुनार एक्लिप्स भी कहते हैं। इस स्थिति में सूर्य और चंद्र के बीच पृथ्वी आता तो है लेकिन सीध में नहीं होता है। इस वजह से चंद्रमा पर सिर्फ पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया ही पड़ती है। ऐसे में चंद्रमा पूरी तरह से ढका नहीं होता है बल्कि केवल चांद की सतह धुंधली पड़ जाती है, इस स्थिति में चंद्रमा का न तो रंग बदलता है और न ही आकार।