साल 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण आषाढ़ पूर्णिमा के दिन 5 जुलाई को लगने जा रहा है। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा। ये ग्रहण दक्षिण एशिया के कुछ इलाकों अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। लगभग पौने तीन घंटे तक इस ग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण के दिन व्यास पूजा, गुरु पूर्णिमा व्रत के साथ गौरी व्रत का समापन होगा।
चंद्र ग्रहण का समय: भारत के लोग इस ग्रहण को नहीं देख पाएंगे। जिस कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। ग्रहण की शुरुआत 5 जुलाई को सुबह 08:38 AM बजे से होगी। इसका परमग्रास 09:59 AM पर होगा और इसकी समाप्ति 11:21 AM पर होगी। ग्रहण की कुल अवधि 02 घण्टे 43 मिनट की होगी।
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण: चंद्रग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है और ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इसी क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें। वहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। पेनुम्ब्रा पृथ्वी की छाया का बाहरी हिस्सा होता है। इस दौरान चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आता बस वह सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है। इसलिए ज्योतिष अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
ग्रहण कैसे देखें: चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। लेकिन अगर आप टेलिस्कोप की मदद से ग्रहण देखेंगे तो ये आपको बेहद खूबसूरत दिखाई देगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण नंगी आंखों से स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता इसलिए इसे देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) का प्रयोग किया जाता है। हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए आप इसे ऑनलाइन विभिन्न यूट्यूब चैनलों के जरिए देख सकते हैं।