Chandra Grahan: 30 नवंबर, सोमवार यानी कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रग्रहण लगने वाला है। बताया जा रहा है कि यह साल का आखिरी चंद्रग्रहण है। यह रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि मे लगेगा। बताया जा रहा है कि भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में यह चंद्रग्रहण दिखाई भी देगा।
विद्वानों का मानना है कि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है। इसलिए ही इस ग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होने वाला है। जानकारों का मानना है कि चंद्र ग्रह जब पृथ्वी की वास्तविक छाया पर ना कर उसकी उपच्छाया से ही लौटकर जाता है तो इस स्थिति को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं। ऐसे में चांद पर एक धुंधली-सी परत नजर आती है। लेकिन इसे वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं कहा जा सकता है।
सामान्य तौर पर यह बताया जाता है कि ग्रहण का प्रभाव मनुष्यों के जीवन पर होता है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि क्योंकि इस बार उपच्छाया चंद्रग्रहण लगने वाला है इसलिए यह बहुत अधिक प्रभाव नहीं डालेगा। माना जा रहा है कि इस उपच्छाया चंद्रग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृषभ राशि के जातकों पर पड़ेगा। क्योंकि यह उपच्छाया चंद्रग्रहण वृषभ राशि में ही होने वाला है।
बताया जाता है कि ग्रहों की दशा-दिशा बदलने से देश और दुनिया के हालातों पर भी प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो साल का आखिरी चंद्रग्रहण एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है इसलिए यह देश और दुनिया को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करेगा। लेकिन इस उपच्छाया चंद्रग्रहण के प्रभाव की वजह से लोगों की मानसिक स्थिति प्रभावित होने के आसार बने रहेंगे।
साथ ही कुछ ऐसे योग भी बन सकते हैं जिनकी वजह से स्वास्थ्य खराब रह सकता है। इसलिए कोशिश करें कि इस चंद्रग्रहण के बाद से ही आप अपनी राशि के अनुसार अपनी कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत करने यानी उसे उच्च स्थिति में लाने के लिए ज्योतिषीय उपाय करें। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण को एक बड़ी ज्योतिषीय घटना के रूप में देखा जाता है। वैज्ञानिकों का यह मानना है कि ग्रहण केवल एक सामान्य खगोलीय घटना है।
चंद्रग्रहण कब और किस समय लगेगा (Chandra Grahan 2020 Date and Time)
दोपहर 1 बजकर 04 मिनट पर एक छाया से पहला स्पर्श
दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर परमग्रास चंद्रग्रहण
शाम 5 बजकर 22 मिनट पर उपच्छाया से अंतिम स्पर्श