जुलाई में लगने वाला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2019) आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में 16 जुलाई से 17 जुलाई के बीच लगने वाला है। मंगलवार को लग रहे इस ग्रहण का समय रात 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस चंद्र ग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा गया है। लगभग 3 घंटे तक लगने वाले इस चंद्रग्रहण का प्रभाव सभी राशि वालों पर पड़ने वाला है। चंद्र ग्रहण से कुछ घंटों पहले सूतक काल शुरु हो जाता है जिस दौरान कई तरह के कार्यों को करने की मनाही होती है। ग्रहण में खासकर गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि ग्रहण का असर उनके साथ-साथ उनकी गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है।
माना जाता है कि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा काफी ज्यादा रहती है। जिस वजह से ज्योतिषाचार्यों द्वारा ग्रहण काल के दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। अगर बाहर जाना बेहद जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप लगाकर ही निकलें। वैसे तो ग्रहण के दौरान खाना खाने से मना किया जाता है लेकिन गर्भवती महिलाओं को पेट में पल रहे बच्चे के कारण जल्दी-जल्दी भूख लगती है। इसलिए ग्रहण काल के दौरान यदि भूख लगे तो सिर्फ खानपान की उन्हीं वस्तुओं का उपयोग करें जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुशा डाला गया हो। साथ ही गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान कोई भी धार वाली वस्तुएं जैसे कि चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची इत्यादि का प्रयोग न करें। इससे बच्चे के अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इस दौरान सुई धागे का प्रयोग भी वर्जित होता है।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने पास एक नारियल रख लें। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ेगा। ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को जरूर नहा लेना चाहिए वरना उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं।