Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां काफी व्यवहारिक हैं जो जीवन जीने की कला सिखाती हैं। चाणक्य ने जीवन के हर एक पहलू से संबंधित कई तरह की बातें बतायी हैं जिनका पालन करके आप अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। चाणक्य समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री होने के साथ ही एक योग्य शिक्षक भी थे। उन्होंने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में बच्चों को कुशलवान बनाने के लिए माता-पिता को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि माता-पिता का व्यवहार बच्चों को बहुत जल्दी प्रभावित करता है, ऐसे में उन्हें हमेशा ही बच्चों के सामने सौम्य व आदर्श आचरण प्रस्तुत करना चाहिए। आइए जानते हैं कि बच्चों में अच्छी आदतें पैदा करने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं-

पढ़ाई को लेकर न बनाएं दबाव: इस कोरोना काल में आम जिंदगी के साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। ऐसे में माता-पिता को उनके भविष्य को लेकर चिंता होना लाजिमी है। लेकिन उन पर पढ़ाई को लेकर प्रेशर नहीं बनाना चाहिए। चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र मिलता है। चाणक्य की मानें तो बच्चों के मन में किसी प्रकार का डर और बोझ नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है और उनमें संवेदनाओं की कमी हो जाती है। वे एकांकी हो जाते हैं और उनका मनोबल भी कम हो जाता है। ऐसे में बच्चों में अवसाद की गिरफ्त में आ जाने का खतरा भी बढ़ता है।

बात करने के लहजे पर दें ध्यान: आप किस तरह से दूसरे लोगों से बात कर रहे हैं, इस ओर बच्चों का खास ध्यान जाता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के सामने किसी से भी बुरे तरीके से बात नहीं करना चाहिए। अगर आप बच्चों के समक्ष अभद्र शैली में बात करेंगे तो वो भी इसी को अपने बोलने के तरीकों में भी अपनाएंगे जो आगे चलकर आपके शर्मिंदगी का कारण बन सकती है। चाणक्य के अनुसार बच्चों के सामने अपशब्दों के इस्तेमाल से तो बचना ही चाहिए, साथ ही वाणी में कठोरता से भी परहेज करना चाहिए।

घर में न हो लड़ाई-झगड़े का माहौल: चाणक्य के अनुसार घर में लड़ाई-झगड़ा होने से बच्चों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वो कहते हैं कि जिस घर में कलह का माहौल रहता है वहां बच्चे हिंसक हो जाते हैं। उनके कोमल मन में रिश्तों को लेकर एक नेगेटिव छवि विकसित हो जाती है। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि लड़ाई के कारण बच्चों का हृदय भी कठोर हो जाता है और संभव है कि ऐसे बच्चें गलत रास्ते पर जाने से भी न हिचकिचाएं। इसलिए माता पिता को घर का माहौल शांत व खुशनुमा बनाकर रखना चाहिए।