महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और सामाजिक शास्त्री आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर खूब लोकप्रियता हासिल की। उन्हें राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और दार्शनिक विषयों की गहराई से समझ थी। अपनी नीतियों के बल पर ही चाणक्य जी ने नंद वंश का नाश कर एक साधारण बालक अशोक को सम्राट बनाया था। उन्हीं की नीतियों की वजह से ही सम्राट अशोक का नाम दुनियाभर में प्रसिद्ध हुआ। अपने नीति शास्त्र में चाणक्य जी ने ऐसी बातों का जिक्र किया है, जिनका मनुष्य अगर अनुसरण कर ले तो वह सुखी जीवन जीता है।
महान बुद्धिजीवियों में से एक आचार्ण चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि कौन-सी बातें पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव और कलह की वजह बनती हैं? पति और पत्नी का रिश्ता सबसे मजबूत होता है। एक-दूसरे के जीवन-साथी होने के साथ ही यह एक-दूसरे के सुख-दुख में भी साथ रहते हैं। ऐसे में इस रिश्ते को तनाव और कलह से बचाए रखने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रेम और समपर्ण: दांपत्य जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी है प्रेम और समर्पण का होना। इन दोनों चीजों की कमी के कारण पति और पत्नी के रिश्ते में दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है। जिसके कारण दोनों के बीच तनाव और कलह बढ़ती है।
संवादहीनता: पति और पत्नी के रिश्ते में संवाद का होना बेहद आवश्यक है। अगर दोनों के बीच संवादहीनता होती है तो रिश्ते में कमजोरी आ जाती है। ऐसे में बातचीत हमेशा जारी रखना जरूरी है।
एक-दूसरे के सम्मान का ध्यान: पति-पत्नी एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, दोनों मिलकर ही एक-दूसरे को पूरा करते हैं। ऐसे में दांपत्य जीवन में आदर और सम्मान होना बेहद जरूरी है। अगर रिश्ते में सम्मान ना हो तो तनाव और कलह की स्थिति पैदा हो सकती है।
एक-दूसरे की राय: दांपत्य जीवन को हमेशा खुशहाल बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों में पति-पत्नी को एक-दूसरे की राय लेना बेहद जरूरी है। ऐसा न करने से रिश्ते के बीच में खटास आ सकती है।
