Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सफल व्यक्ति और खुशहाल जीवन जीने के लिए कई नीतियां बताई है। आचार्य चाणक्य महान दार्शनिक थे। उनकी नीतियां कई लोगों को काफी कठोर लगती है, लेकिन ये आज भी काफी प्रासंगिक है। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में सज्जन और ज्ञानी व्यक्ति की खूबियां बताई है। जानिए इस लिस्ट में आप शामिल है कि नहीं।

श्लोक

प्रस्तावसदृशं वाक्यं प्रभावसदृशं प्रियम् । आत्मशक्तिसमं कोपं यो जानाति स पण्डितः॥

भावार्थ

किसी सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कहां पर कितना क्रोध करना चाहिए जो इन सब बातों को जानता है, उसे पंडित अर्थात ज्ञानी व्यक्ति कहा जाता है ।

आचार्य चाणक्य ने इस नीति के माध्यम से व्यक्ति के स्वभाव के बारे में बताया है कि आखिर कौन सा व्यक्ति हमेशा सबका चहेता बनकर रह सकता है। समाज में मान-सम्मान के साथ ज्ञानी कहलाता है। आचार्य के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के अंदर ये तीन चीजें है, तो वह सज्जन व्यक्ति कहलाता है।

कब क्या बोलना है?

आचार्य चाणक्य के अनुसार, समाज में विभिन्न स्वभाव के लोग मौजूद है। कई लोग ऐसे होते हैं जो बिना सोचे कुछ भी बोल देते हैं। ऐसे लोगों को अधिकतर पागल ही समझा जाता है और इनकी बात पर ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जाता है। वहीं, दूसरी ओर जो लोग सोचकर किसी भी बात को बोलते हैं, तो उसमें वजन होता है और हर कोई उन्हें सुनना चाहता है। जो लोग ये जानते हैं कि कब और क्या बोलना है। वह ज्ञानी पुरुषों की लिस्ट में आते हैं।

किससे प्रेम करना चाहिए

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को इस बात के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि कब किससे प्रेम करना चाहिए। क्योंकि गलत व्यक्ति से प्रेम करने से जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जो व्यक्ति यह जानता है कि किसे प्रेम करना चाहिए। वो ज्ञानी पुरुषों की श्रेणी में आता है।

कितना क्रोध करना चाहिए

क्रोध एक ऐसी चीज है, जो खुशहाली से भरे घर को जलाकर खाक कर सकता है। क्योंकि क्रोध में व्यक्ति आपा खो बैठता है और उसे कुछ समझ नहीं आता है। जब समझ आता है, तो काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए जिस व्यक्ति को इस बात का पता है कि कब कितना गुस्सा करना सही है, तो समझ लें कि वह सज्जन और ज्ञानी पुरुष है।