Chanakya Niti on Women: आचार्य चाणक्य को इतिहास के बुद्धिजीवियों में से एक माना जाता हैं। जानकार बताते हैं कि आचार्य चाणक्य को दार्शनिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विषयों की गहरी समझ थीं।
कई लोगों को मानना है कि आचार्य चाणक्य स्त्रियों से नफरत किया करते थे, लेकिन यह सत्य नहीं है। वह स्त्रियों के कुछ विशेष गुणों को पसंद नहीं करते थे। इतिहास की पुस्तकों में बताया जाता है कि आचार्य चाणक्य सम्राट अशोक की माता को अच्छी स्त्रियों में से एक मानते थे। चाणक्य नीति में कहा गया है कि जिन स्त्रियों में दो गुण होते हैं, उनसे दूरी जरूर बनानी चाहिए।
लालची महिलाओं से रहें सावधान – चाणक्य नीति में कहा गया है कि जो महिलाएं लालची होती हैं, वह अपने हित के आगे कुछ नहीं सोचना जानती हैं। ऐसी महिलाएं अपने जन्म दिए पुत्र के बारे में भी स्वयं के बाद विचार करती हैं। कहा जाता है कि लालची महिलाओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
जो महिलाएं लालची होती हैं, वह अपना लालच सिद्ध करने के लिए झूठ का सहारा लेने से भी नहीं चूकती हैं। कहते हैं कि ऐसी महिलाएं कभी भी विश्वासघात कर सकती हैं। इसलिए कोशिश करें कि ऐसी महिलाओं से आप दूरी बनाकर रखें। अगर संभव हो तो आप उन्हें समझा भी सकते हैं कि लालच करना अच्छा गुण नहीं है और उन्हें इसका त्याग कर देना चाहिए।
आलसी महिलाओं को न बनाएं अपना साथी – आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आलसी महिलाओं को कभी अपना साथी नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि ऐसी महिलाओं का आलस जीवनभर खत्म नहीं होता है बल्कि बढ़ता ही चला जाता है। कहा जाता है कि आलसी महिलाओं का संग इतना बुरा होता है कि वह अपने साथ रहने वाले व्यक्ति को भी आलसी बना देती हैं।
बताया जाता है कि ऐसी महिलाओं के बच्चों में भी अनुशासन की कमी रहती है। यह महिलाएं बहुत मुश्किल से सफलता हासिल कर पाती हैं। बताया जाता है कि जो लोग इनसे दूरी नहीं बनाते हैं, वह भी समय के साथ-साथ आलसी बन अपनी कामयाबी की राह से भटक जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि आप आलसी महिलाओं से दूरी बनाकर रखें। ऐसी महिलाएं आलस की वजह से अपने परिवार की देखरेख भी ठीक से नहीं कर पाती हैं।