Chanakya Niti In Hindi: बेइज्जती या अपमान एक ऐसी चीज है जो कोई भी इंसान बर्दाश नहीं कर सकता। आज के दौर में तो छोटे छोटे बच्चे भी जरा जरा सी बात पर इंसल्ट फील करने लगते हैं। कुछ लोग तो अपमान को भूल भी जाते हैं तो कुछ लोग इससे डिप्रेशन तक में चले जाते हैं। आमतौर पर आपका कोई अपमान करेगा तो आप सीधे उसी की भाषा में उसे जवाब देने लगेंगे लेकिन चाणक्य ने इस तरीके को सही नहीं माना है। उन्होंने कुछ नीतियां बताईं हैं जिसकी मदद से आप अपमान का सही बदला ले सकते हैं।
कहा जाता है कि एक बार खुद चाणक्य का अपमान हुआ था। चाणक्य का अपमान नंदवंश के राजा धनानंद ने किया था लेकिन चाणक्य ने अपने गुस्से को जाहिर ना होने दिया और उसे अपना हथियार बनाकर अपने सभी शत्रुओं का नाश कर दिया। खैर ये समय तो राजा महाराजाओं के दौर का था जब एक राजा दूसरे राजा पर अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए आक्रमण करते थे। लेकिन आज के समय में आप चाणक्य की इन नीतियों को समझकर बेइज्जती करने वालों को करारा जवाब दे सकते हैं…
– चाणक्य नीति अनुसार अगर कोई शत्रु आप से ज्यादा ताकतवर है तो उसे उसके अनुकूल चलकर, दुष्ट प्रभाव वाले को उसके विरूद्ध चलकर, समान बल वाले शत्रु को विनय और बल से नीचा दिखाया जा सकता है। तो अगर आपका कोई अपमान करता है तो उसे चाणक्य की इन नीतियों द्वारा पराजित करने की कोशिश करें।
– जब कोई अपमान करे तो उस समय खुद को शांत रखने की कोशिश करें। उसे उसकी भाषा में जवाब देने के बजाय उस इंसान की तरफ देखकर थोड़ा मुस्करा दें। आप खुद देखेंगे कि सामने वाला इंसान खुद को ही अपमानित महसूस करने लगेगा। वो आपको खुश देखकर चिड़ेगा। बहुत से लोग इस नीति को अपनाते हैं। शास्त्रों में भी मौन को सबसे बड़ा हथियार माना जाता है क्योंकि इससे सामने वाला कभी नहीं जान पायेगा कि आपके मन में क्या चल रहा है।
– चाणक्य अनुसार समझदार इंसान कभी दूसरों को अपमानित नहीं करते। जिन लोगों को दूसरों का अपमान करना अच्छा लगता है वे जीवन में कभी सफल नहीं हो सकते।
– शत्रुओं को हराने के लिए सबसे सही तरीका ये है कि पहले उन्हें अपनी कूटनीति में फसाएं यानी की उसकी शक्तियों या सहयोगियों को उससे दूर करें।