धनतेरस से दिवाली की शुरुआत हो चुकी है और आज यानी बुधवार को देश भर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों को संपन्न रहने का आशीर्वाद देतीं हैं। महात्मा चाणक्य ने भी अपने नीतिशास्त्र में लक्ष्मी को धन की देवी बताया है। उन्होंने लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी कई तरीके बताए हैं जैसे-

गलत तरीके से न कमाएं धन- कभी भी गलत रास्तों का इस्तेमाल कर धन न कमाएं। चाणक्य कहते हैं कि इससे लक्ष्मी नाराज़ होतीं हैं और वो धन कभी पास नहीं टिकता। धन को सही तरीके से कमाएं और जितना मिले, उतने में खुश रहने की कोशिश करें।

न करें धन का अपव्यय- कई बार हम त्योहारों के मौके पर अधिक धन का व्यय करते हैं। चाणक्य कहते हैं कि इससे धन की हानि होती है। बिना वजह के धन खर्च करने पर माता लक्ष्मी घर से जाने लगतीं हैं। इसलिए जरूरत के अनुसार ही धन खर्च करें और धन का अपव्यय न करें।

धन का प्रयोग कर किसी दूसरे का न करें नुकसान- चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में इस बात का ज़िक्र किया है कि अपने धन का इस्तेमाल कर दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमें इसके परिणामस्वरूप काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे मनुष्य के दुश्मनों में बढ़ोतरी भी हो सकती है।

धन का इस्तेमाल कर करें जरूरतमंदों की मदद- चाणक्य कहते हैं कि अगर मनुष्य के पास पर्याप्त धन है तो उसे जरूरतमंद इंसानों की मदद करनी चाहिए। इसलिए दिवाली के मौके पर जो लोग जरूरतमंद हैं, उनकी मदद करें और उनमें खुशियां बांटें। उनकी दुआओं से माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।

करें धन की बचत- चाणक्य कहते हैं कि हमें खर्च और आय के बीच संतुलन बनाकर चलना चाहिए। आय का कुछ हिस्सा बचत के रूप में रखना चाहिए ताकि जरूरत के समय वो धन काम आ सके और हमें किसी का कर्जदार न बनना पड़े।