Chanakya Niti: चाणक्य ने मानव समाज के कल्याण के लिए कई नीतियां बताई हैं। इनकी नीतियां काफी व्यवहारिक और आज के समय में कारगार साबित होती हैं। इनकी नीतियां मुख्य रूप से धर्म, संस्कृति, न्याय, शांति, सुशिक्षा, राजनीति से संबंधित है। यहां हम बात करेंगे धन के बारे में चाणक्य ने क्या बातें बताईं हैं जिनका सभी को ध्यान रखना चाहिए…
– चाणक्य की नीति कहती है कि व्यक्ति को बुरे समय के लिए धन की बचत करनी चाहिए और अपनी महिला की रक्षा हर हालत में करनी चाहिए। भले ही इसके लिए उसे अपने पैसे ही खर्च क्यों न करने पड़ें।
– धन संपत्ति जीवन का महत्वपूर्ण भाग है जो सम्मान दिलाने के साथ साथ आपको आपदाओं से जुझने में समर्थ बनाता है।
– चाणक्य कहते हैं कि जो धन बहुत मेहनत के बाद मिले, जिसके लिए अपना धर्म त्यागना पड़े और जिसके लिए शत्रुओं की खुशामद करनी पड़े उस धन से मोह कभी नहीं करना चाहिए।
– धन न होने पर पत्नी की परीक्षा लें, दोस्त की आवश्यकता के समय और नौकरी की परीक्षा उसे किसी महत्वपूर्ण कार्य को देने के बाद करें।
– ऐसी जगह जहां आपको रोजगार, सम्मान, शुभ चिंतक और शिक्षा न मिले वहां रहने का कोई फायदा नहीं है।
– जिस इंसान के पास आस्था, धन और कोई लगाव नहीं होता उसको कभी मोक्ष नहीं मिल सकता है। ऐसा व्यक्ति जन्म और मरण के चक्र में फंसा रहता है।
– चाणक्य अनुसार वह व्यक्ति जो अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं कर सकता है उसे सफलता भी नहीं मिल सकती। कभी भी अपनी योजनाओं की चर्चा किसी से भी न करें क्योंकि अन्य लोग आपके कार्य में बाधा पहुंचा सकते हैं। धन चाहिए तो अपने कर्मों पर ध्यान केंद्रित करें।
– चाणक्य ने कला, दान पुण्य को सबसे बड़ा धन माना है उनके अनुसार ऐसी जगह पर निवास नहीं करना चाहिए जहा पर लोग नियम-कानून से नहीं डरते हों, जहां लोगों में दान-पुण्य की भावना न हो, और जहां पर कला का वास नहीं होता हो।
– चाणक्य कहते हैं कि दान हमेशा सीमा में रहकर करना चाहिए। अपनी क्षमता से ज्यादा किसी भी चीज का दान करेंगे तो धन संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी।