भारत के महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लोगों को सफल और सुखी जीवन जीने के लिए कई नीतियां बताई हैं। जिनका अनुसरण कर व्यक्ति अपने जीवन की कई परेशानियों को दूर कर सकता है। चतुर कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर ही साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को नंद वंश का सम्राट बनाया था।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कामयाबी, नौकरी, जीवन के उद्देश्यों-मूल्यों, संस्कार और चरित्र समेत कई विषयों पर अपनी किताब ‘चाणक्य नीति’ में लिखा है। चाणक्य जी के अनुसार किसी भी काम को शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रश्न कर लेने चाहिए कि आप यह काम क्यों कर रहे हैं? इसके क्या परिणाम होंगे? और क्या आप इस काम में सफल हो पाएंगे? जब संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
-शक्ति के पहचानकर ही काम को अपने हाथ में लें: व्यक्ति को हमेशा ही अपने बल को पहचानकर किसी भी काम को अपने हाथ में लेना चाहिए। क्योंकि, आचार्य चाणक्य का कहना है कि सामर्थ्य के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति किसी काम को अपने हाथ में लेता है तो वह अक्सर उसमें असफल ही होता है। ऐसे में अपनी शक्तियों को पहचानकर ही काम करना चाहिए।
-धन और व्यय की जानकारी: आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन में सफलता पाने के लिए आपको धन और खर्चे की बिल्कुल सटीक जानकारी होनी चाहिए। ज्यादातर लोग जोश में आकर अपनी कमाई से अधिक पैसे खर्च कर बैठते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं करना चाहिए। बल्कि, पैसों को बचाने की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि, बुरे समय में केवल धन ही आपके काम आता है।
-वर्तमान में जीवन जीना: आचार्य चाणक्य के अनुसार बीते हुए समय को लेकर पछतावा नहीं करना चाहिए और ना ही भविष्य की चिंता करनी चाहिए। बल्कि विवेकवान व्यक्ति तो वर्तमान में जीते हैं।
बता दें, आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान थे। उन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। उनके कूटनीतिज्ञ नीतियों की आज भी लोग सराहना करते हैं। आचार्य चाणक्य का कहना है कि कभी इस बात का खुलासा नहीं करना चाहिए कि आप क्या सोच रहे हैं। अपनी बुद्धिमानी से लक्ष्य को रहस्य बनाकर उस दिशा में बढ़ना चाहिए।