Chanakya Niti: महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने अपने नीति शास्त्र में लोगों को अच्छा जीवन जीने के कई सुझाव दिए हैं। कुशल अर्थशास्त्र होने के साथ-साथ चाणक्य ने सामाजिक शास्त्र से संबंधित भी कई बातें बताई हैं। आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में दिए गए सुझाव लोगों को भले ही कठोर लगें, लेकिन उन्होंने मनुष्य को जीवन की सच्चाई से अवगत कराया है। उन्होंने अपने शास्त्र में श्लोकों के माध्यम से यह बताया है कि मनुष्य को अपने जीवन में किस प्रकार का आचरण करना चाहिए।
‘भाग्य पुरुषार्थी के पीछे चलता है।’
अपने इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने भाग्य को लेकर बताया है कि भाग्य भी हमेशा उन्हीं का साथ देता है जो पुरुषार्थी होते हैं। इस श्लोक में पुरुषार्थी का मतलब है कि ऐसा व्यक्ति जो अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करता है। ऐसे लोग हमेशा अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी मेहनत से जुट जाचे हैं।
इस श्लोक के जरिए आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) का कहना है कि भाग्य हमेशा उन्हीं का साथ देता है, जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं। इसके साथ ही आचार्य चाणक्य ने ये भी बताया है कि जो लोग हमेशा भाग्य पर निर्भर रहते हैं।
उनके विचार ही नहीं, बल्कि सोचने-समझने का नजरिया का बिल्कुल ही अलग रहता है। एक समय बाद वह लोग अपने किसी भी कार्य को करने में रुचि नहीं दिखाते है। ऐसे लोग कड़ी मेहनत करने के बजाय बस ये कहकर आराम से बैठ जाते हैं कि भाग्य में होगा, तो मिल जाएगा।
ऐसे लोग अपने जीवन में केवल भाग्य के ही भरोसे बैठे रहते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य (Chanakya Shastra) का कहना है कि ऐसे मनुष्यों का साथ भाग्य भी नहीं देता है। इसलिए अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी है। चाणक्य का कहना है कि जो लोग पुरुषार्थी होते हैं, भाग्य हमेश उनके पीछे ही चलता है। भले ही ऐसे लोगों को सफलता थोड़े समय बाद मिले, लेकिन उनकी मेहनत और लगन से वह सबकुछ हासिल कर लेते हैं। आचार्य चाणक्य का आज की स्थिति में भी यह कथन सही साबित होता है।

