Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने गहन अध्ययन और जीवन के अनुभवों से अर्जित अमूल ज्ञान को नि:स्वार्थ भाव से मानवीय कल्याण के उद्देश्य से ग्रंथ में पिरोया है। इन्हीं में से नीति शास्त्र में जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण नीतियां बताई गई हैं। चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया गया है जिसके कारण बुद्धिमान व्यक्ति भी कष्टों में आ जाता है। आइए जानते हैं नीतिशास्त्र की महत्वपूर्ण बातें।
मूर्ख को उपदेश: एक पंडित भी घोर कष्ट में आ जाता है अगर वह किसी मूर्ख को उपदेश देता है। मूर्ख व्यक्ति किसी की ज्ञान की बात को भी अपने कुतर्कों के आगे नहीं मानता। ऐसे लोगों को उपदेश देना केवल अपने बहुमूल्य समय की बर्बादी करना होता है। अपने ज्ञान को भी सदैव सही व्यक्ति को देना चाहिए ताकि वह सही प्रकार से उसका प्रयोग कर सकें।
दु:खी व्यक्ति: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी दु:खी व्यक्ति के साथ अत्यंत घनिष्ट संबंध बना लेता है तो वह घोर कष्ट में आ जाता है। ऐसे व्यक्ति तो हर समय खुद दु:खी रहते ही हैं साथ में ही आपको भी दु:खी करते हैं। ऐसे में व्यक्ति हर समय खुद को परेशानियों में गिरा हुआ अनुभव करता है और जीवन में आगे नहीं बढ़ पाता है।
चाणक्य नीति जीवन के हर मोर्चे पर काम आती हैं। चाणक्य की नीतियों में धन संबंधित कुछ नीतियां बताई गई है अगर हम इन बातों का ध्यान देंगे तो हमें जीवन में कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइये आज जानते हैं धन को लेकर क्या कहती है चाणक्य की नीतियां।
धन की बर्बादी: आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार व्यक्ति को धन की बर्बादी से बचना चाहिए। धन का संरक्षण करना बहुत आवश्यक होता है। बुरे वक्त में संरक्षण किया हुआ धन काम आता है। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार व्यक्ति को हमेशा ईमानदारी से धन कमाना चाहिए, धन कमाने के चक्कर में कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए।
धन का दुरुपयोग: चाणक्य नीति कहती है जो लोग अपने धन का उपयोग दूसरों को परेशान करने के लिए करते हैं, उनसे लक्ष्मी जी नाराज हो जाती है। इन नीतियों के अनुसार कभी भी अपने धन का प्रयोग दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसा करने वालों को भविष्य में गंभीर परिणाम भोगने पड़ सकते हैं।