ज्योतिष व्यक्ति के जन्म की तारीख और समय के आधार पर राशिफल तैयार करता है। ग्रह नक्षत्र और कुंडली में उनकी स्थिति व्यक्ति के भाग्य का निर्धारण करती है। आपने ज्योतिषियों को देखा होगा जो कुंडली के माध्यम से भविष्य की भविष्यवाणी करते हैं। ज्योतिष में कई योगों का वर्णन है। वे हमारे जीवन में घटित होने वाली घटनाओं से संबंधित हैं। ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुंडली में चक्र और समुद्र योग का होना शुभ होता है। दोनों योगों का संबंध धन से है। ये योग व्यक्ति के जीवन में कई बड़े बदलाव लाते हैं। आइए जानते हैं कुंडली में चक्र और समुद्र योग होने से क्या-क्या फायदे होते हैं।
ऐसे बनता है चक्र और समुद्र योग –
ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में सभी ग्रह विषम स्थिति में होने पर चक्र योग बनता है। क्योंकि कुण्डली में 1, 3, 5, 7, 9, 11 विषम स्थितियां हैं। जब सभी ग्रह इस स्थान पर होते हैं तो चक्र योग बनता है। वहीं यदि कुंडली में सभी ग्रह सम स्थिति में हों तो उनका समुद्र योग बनता है। कुंडली में भी स्थितियां 2, 4, 6, 8, 10, 12 हैं। इस स्थान पर ग्रहों की उपस्थिति के कारण समुद्र योग का निर्माण होता है।
इस योग के लाभ
ज्योतिषियों के अनुसार यदि किसी की कुंडली में चक्र और समुद्र योग दोनों बन जाएं तो यह बहुत शुभ माना जाता है। इन राशियों से संकेत मिलता है कि व्यक्ति बहुत धनवान होगा। इस योग वाले लोग अमीर घरों में पैदा होते हैं। लेकिन एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद ये धन-धान्य से संपन्न हो जाते हैं। चक्र योग वाले लोग अधिक मेहनती होते हैं। ऐसे लोगों को सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
समुद्र योग में जन्म लेने वाले लोग राजाओं की तरह जीते हैं। उनके पास धन की कमी नहीं है। ऐसे लोग काम में पानी की तरह पैसे का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोग यात्रा करना पसंद करते हैं। वहीं चक्र योग व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में कार्य करने की क्षमता देता है। ऐसा जातक सरकारी कार्यों में दक्ष होते हैं और वह जिस भी क्षेत्र में काम करता है, उसमें निपुण होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चक्र योग वाले व्यक्ति का समाज में प्रभुत्व 20 वर्ष की आयु के बाद बढ़ने लगता है।