Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में बहुत खास मानी जाती है। इस बार यह नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है और भक्त व्रत रखते हैं। इस बार नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है, इसलिए मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर ही वापस जाएंगी। ज्योतिष के अनुसार, यह बहुत शुभ संकेत माना जाता है और इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है। आइए जानते हैं मां दुर्गा का हाथी पर आने का क्या है संकेत…

हाथी पर सवार होकर आ रहीं हैं मां दुर्गा

हर बार नवरात्रि किसी खास दिन से शुरू होती है और उसी के हिसाब से मां दुर्गा का वाहन तय होता है। अगर नवरात्रि रविवार या सोमवार से शुरू होती है, तो मां हाथी पर आती हैं। हाथी को समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसका मतलब है कि इस साल का नवरात्रि पर्व शुभ फल देने वाला होगा और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। इस साल कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:13 से 10:21 तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:50 तक रहेगा। इस दौरान कलश स्थापित करना बहुत ही शुभ माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और देवी की कृपा बनी रहती है।

चैत्र नवरात्रि का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसा, चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। उत्तर भारत में इस नवरात्रि का खास महत्व होता है। इसे लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस दौरान कई जगहों पर रामलीला का आयोजन भी किया जाता है। वहीं, चैत्र नवरात्रि का समापन राम नवमी के दिन होता है।

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