Chaitra Navratri Navami 2023: महानवमी का शास्त्रों में विशेष महत्व है। इस दिन कन्या पूजन करने का विधान है। साथ ही इस दिन मां सिद्धदात्री पूजा- अर्चना होती है। साथ ही अगर मां सिद्धदात्री के स्वरूप की बात करें तो मां सिद्धिदात्री मां लक्ष्मी की तरह कमल पर विराजमान रहती हैं। साथ ही इनकी चार भुजाओं से युक्त हैं। वहीं इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमल पुष्प और ऊपर वाले में शंख है। वहीं बाएं तरफ के नीचे वाले हाथ में गदा और ऊपर वाले हाथ में चक्र है। मां सिद्धदात्री लाल वस्त्र धारण करती हैं। वहीं मां सिद्धदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। मान्यता है इस दिन जो भक्त विधि-विधान और पूरी श्रद्धा के साथ मां की पूजा करते हैं उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
कन्या पूजन नवमी तिथि 2023 (Chaitra Navratri Navami 2023)
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि शुरू- 29 मार्च 2023 को रात 9 बजकर 07 मिनट से शुरू होगी
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि अंत- 30 मार्च 2023 को रात 11 बजकर 30 मिनट तक
महानवमी कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग
30 मार्च: सुबह 06:15 से 31 मार्च, प्रातः 06:11 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त
प्रातः 04: 42 मिनट से प्रातः 05: 29 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त
सुबह: 11: 46 मिनट से दोपहर 12: 31 मिनट तक
मां सिद्धदात्री के प्राप्त हैं ये सिद्धियां
ये हैं आठ सिद्धियां
शास्त्रों के मुताबिक मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों को ये सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। सिद्धियों के नाम अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व हैं।
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है
तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,
तुम सब काज उसके कराती हो पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया,
सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा,
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
वंदना है सवाली तू जिसकी दाता!!
मां सिद्धिदात्री के मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
मां सिद्धदात्री स्तोत्र पाठ
कंचनाभा शखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकारं भूषिता।नलिस्थितां नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोअस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।विश्व वार्चिता विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।भव सागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनी।मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥